बाबा बंदा सिंह बहादुर के त्याग, बलिदान व शौर्य की कहानी पूरे विश्व में फैले, हरियाणा सरकार द्वारा लौहगढ़ साहिब को दिया जाएगा नया स्वरूप - एपीएस अमित अग्रवाल
एपीएस ने श्री लौहगढ़ साहिब में चल रहे विकास कार्यो का लिया जायजा, अधिकारियों को दिए निर्देश
श्री आदिबद्री व श्री केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना, कहा आदिबद्री व केदारनाथ का बदलेगा स्वरूप, पर्यटन के रूप में किए जा रहे है विकसित
यमुनानगर | NEWS - मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बाबा बंदा सिंह बहादुर के त्याग, बलिदान और शौर्य की कहानी पूरे विश्व में फैले इसके लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लौहगढ़ को नया स्वरूप देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस ऐतिहासिक धरोहर को पुन:जीवित करना चाहते है ताकि आने वाली पीढ़ीयों को अपने शहीदों की कुबार्नी से प्रेरणा मिल सकें।
अतिरिक्त प्रधान सचिव अमित अग्रवाल शुक्रवार को लौहगढ़ में चल रहे विकास कार्यो की जानकारी लेने के लिए पंहुचे। उन्होंने सम्बङ्क्षधत विभाग के अधिकारियों से बातचीत की और कहा कि जो भी विकास कार्य होना है उस पर तुरंत कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल आने वाले समय में बाबा बंदा सिंह बहादुर की इस ऐतिहासिक स्थली पर विकास कार्यो का शिलान्यास करने पहुंचेगे। उन्होंने कहा कि लौहगढ़ ऐसी ऐतिहासिक स्थली है जहां पर बाबा बंदा सिंह बहादुर ने सिख राज की पहली राजधानी बनाई थी। उन्होंने कहा कि फरवरी 1710 में बाबा बंदा सिंह बहादुर जी ने बादशाह शाहजहा के किले नुमा हवेली पर फतेह करके लौहगढ़ नाम का किला बनाया था और इस स्थान पर सिख राज की पहली राजधानी घोषित करके सिख राज का सिक्का और मोहर जारी की थी।
उन्होंने बताया कि इतिहास के अनुसार फरवरी 1710 से दिसम्बर 1710 और मार्च 1712 से नवम्बर 1713 तक बाबा जी का लौहगढ़ किले पर कब्जा रहा। यह वह स्थान है जहां पर इस समय गुरूद्वारा लौहगढ़ साहिब है। उन्होंने कहा कि इस किले की पहचान दुबारा दिलाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा इस क्षेत्र का सौन्दर्यकरण किया जा रहा है। इस क्षेत्र में आदिब्रदी, कपालमोचन, सरस्वती उदगम स्थल जैसे कई धार्मिक स्थान भी है। सरकार द्वारा इस क्षेत्र को और अधिक विकसित करने का निर्णय लिया है ताकि धरोहर को बचाया जा सकें। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टिï से यह क्षेत्र काफी आकर्षक का केन्द्र रहेगा।
एपीएस ने श्री गुरूद्वारा लौहगढ़ साहिब में माथा टेका तथा श्री आदिबद्री व श्री केदारनाथ के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की और आर्शीवाद लिया। इस मौके पर उन्होंने श्री आदिबद्री में चल रहे विकास कार्यो की जानकारी ली और भविष्य में होने वाले विकास कार्यो के बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए। इस मौके पर उपायुक्त राहुल हुड्डïा, पंजाबी साहित्य अकादमी हरियाणा के उपाध्यक्ष स. गुरविन्द्र सिंह, टूरिज्म के एमडी डॉ. नीरज कुमार, सीईओ जिला परिषद नवीन आहूजा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पंचकूला के प्रशासक गगनदीप सिंह, एसडीएम बिलासपुर जसपाल सिंह गिल, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षक अभियंता व कार्यकारी अभियंता, बीबीएसबी लौहगढ़ ट्रस्ट के सदस्य शिव शंकर पाहवा, सूचना, जन सम्पर्क, भाषा व संस्कृति विभाग हरियाणा के अतिरिक्त निदेशक कुलदीप सैनी, सांस्कृतिक विभाग की निदेशिका सुमन डांगी व तान्या, खेल विभाग की संयुक्त निदेशक सुनीता शर्मा, एसएसजीपीसी के सदस्य गुरबख्श सिंह व हरदीप सिंह बलाली, परमजीत सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
लौहगढ़ के अवशेषों को नया रूप देने का निर्णय लेने का मुख्यमंत्री का जताया आभार - संत कर्मजीत सिंह
इस मौके पर संत कर्मजीत सिंह व शिव शंकर पाहवा ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि हरियाणा सरकार ने सिख राज की राजधानी लौहगढ़ के अवशेषों को नया रूप देने का निर्णय लिया है जो कि एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 300 साल में किसी भी मुख्यमंत्री ने लौहगढ़ को विकसित करने के बारे में नही सोचा था इसके लिए उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में किला नुमा दीवार, म्यूजियम, मार्शल आर्ट एकेडमी, संतो के रहने के लिए सराए बनाई जाएगी। आने वाली एक जनवरी को लौहगढ़ साहिब से विकास कार्यो का शिलान्यास करेंगे।