𝐀𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐫𝐞𝐚𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐛𝐢𝐭𝐮𝐚𝐫𝐲 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐢𝐫𝐬𝐭 𝐝𝐚𝐲 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐞𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐕𝐢𝐝𝐡𝐚𝐧 𝐒𝐚𝐛𝐡𝐚, 𝐭𝐡𝐞 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐨𝐮𝐬𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐩𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐫𝐢𝐛𝐮𝐭𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐫𝐭𝐲𝐫𝐝𝐨𝐦 𝐨𝐟 𝐕𝐞𝐞𝐫 𝐙𝐨𝐫𝐚𝐰𝐚𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐚𝐧𝐝 𝐅𝐚𝐭𝐞𝐡 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡, 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐚𝐡𝐢𝐛𝐳𝐚𝐚𝐝𝐚𝐬 𝐨𝐟 𝐒𝐡𝐫𝐢 𝐆𝐮𝐫𝐮 𝐆𝐨𝐛𝐢𝐧𝐝 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐣𝐢 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐚 𝐬𝐞𝐥𝐟-𝐜𝐨𝐦𝐩𝐨𝐬𝐞𝐝 𝐩𝐨𝐞𝐦
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा विधानसभा के आज से आरम्भ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन शोक प्रस्ताव पढ़ने के बाद सदन के नेता व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों वीर जोरावर सिंह व फतेह सिंह की शहादत को स्वरचित कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने अपनी कविता में कहा कि ‘गुरू गोबिंद सिंह के बच्चे, उमर में थे अगर कच्चे, मगर थे सिंह के बच्चे, धर्म ईमान के सच्चे, गर्ज कर बोले थे यूं, सिंह मुंह खोल उठे थे यूं, नहीं हम झुक नहीं सकते, कहीं रूक नहीं सकते, कहीं पर्वत झुके भी हैं, कभी दरिया रूके भी हैं, नहीं रूकती है रवानगी, नहीं कभी झुकती जवानी है, जोरावर जोर से बोला, फतेह सिंह छोर से बोला, रखो इंटें, भरो गारे, चिनों दीवार हत्यारे, निकलती सांस बोलेगी, हमारी लाश बोलेगी, यही दीवार बोलेगी, हजारों बार बोलेगी।
मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि आज 26 दिसम्बर का दिन है और प्रधानमंत्री ने इस दिन को पिछले वर्ष ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में हम विधानसभा सत्र में उन वीर बाल शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के चार बच्चों में से दो ने तो पहले ही धर्म की रक्षा के लिए शहादत दे दी थी। जोरावर सिंह व फतेह सिंह को जब दीवार में चिनवाया गया था तो दीवार के एक-दूसरे छोर से दोनों ने धर्म की रक्षा के लिए ललकार लगाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि धन्य हैं माता गुजरी जिन्होंने ऐसे वीर पुत्रों को जन्म दिया।
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