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𝐑𝐚𝐝𝐚𝐮𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬: सदभावना संत सम्मेलन का आयोजन

 

प्रभु का परम प्रकाश जो साधक के मन को अंतर्मुखी कर देता है, वह बाहरी जगत में नहीं देखता.



रादौर, डिजिटल डेक्स।। गांव खजूरी में हर वर्ष की भांति मानव उत्थान सेवा समिति जगाधरी शाखा खजूरी की ओर से श्रीयांश महाराज के जन्म दिवस के उपलक्ष सदभावना संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। 

जिसमें अध्यात्म सम्राट सतपाल महाराज के शिष्य महात्मा सुबोधिनी बाई महात्मा रत्त्नावली ने प्रवचन किए। जिसके बाद गांव में भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

प्रवचन करते हुए महात्मा सुबोधिनी बाई ने कहा कि राम की भक्ति चिंतामणि के समान है, जो प्रकाश देती है। उस प्रभु का परम प्रकाश जो साधक के मन को अंतर्मुखी कर देता है, वह बाहरी जगत में नहीं देखता। संतो की बात निराली होती है। 

इस जगत में श्री कृष्ण पैदा हुए और भगवान श्री कृष्ण भी यहां हमारी रक्षा के लिए पहुंचे है। महात्मा रत्नावली बाई ने कहा कि मानव को विचार करना चाहिए कि उसके हाथ में कुछ नहीं है, तो उसका यह कहना कि मैं यह करता हूं, वह कर सकता हूँ, जिसे चाहे जीवित छोड़ सकता हूं यह सब व्यर्थ है। 

इसलिए उसे चाहिए कि मनुष्य जन्म को संवार कर सदद्गुरु के द्वारा बताए हुए अध्यात्म ज्ञान के मार्ग पर पर चलकर जीवन का कल्याण करना चाहिए। महात्मा वंदना बाई ने अपने प्रवचन में कहा कि चंचल मन की एकाग्रता अध्यात्म ज्ञान के अभ्यास एवं संसार से वैराग्य होने पर ही संभव है। 


मनुष्य के पास जो कुछ भी है ,सब ईश्वर का है। मनुष्य को यहां जो कुछ मिला है उसे ईश्वर का समझकर उपयोग करना चाहिए। ईश्वर का ध्यान सुमरिन करना चाहिए। इस अवसर पर अजब सिंह प्रांतपाल हरियाणा, साहब सिंह, राकेश शर्मा, ऋषि पाल, अनिल कुमार, पुरषोत्तम, अभिषेक पांचाल, आरजू, धनीराम, राकेश पांचाल, ममता, संतोष, मीना, सावित्री, कमला, दुर्गेश कुमारी, अमन, सोहनलाल, रजनी, दर्शनलाल इत्यादि मौजूद रहे।

 

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