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𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬: ई-टेंडरिंग के विरोध में BDPO कार्यालय पर तालाबंदी

ई टेंडरिंग के विरोध में उतरे सरपंच



यमुनानगर, डिजिटल डेक्स।। ई-टेंडरिंग योजना सरकार के लिए गले की फांस बनती जा रही है। ई-टेंडरिंग के विरोध में प्रदेशभर के सरपंच विरोध पर उतर आए हैं। ई-टेंडरिंग के विरोध कर रहे सरपंचों ने प्रदेशभर के विकास एवं पंचायत कार्यालयों की तालाबंदी कर रोष प्रदर्शन किया।

Sarpanches protest e-tendering of panchayat works across

यमुनानगर में बीडीपीओ कार्यालय का प्रदर्शन करने पहुंचे सरपंचों ने कार्यालयों में काम कर रहे कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया और तालाबंदी करके धरने पर बैठ गए। सरपंचों का कहना है कि ई-टेंडरिंग के माध्यम से सरकार पंचायती राज को खत्म करना चाहती है। वही सरपंचों ने अपना मानदेय बढ़ाकर 15 हजार रूपये और राइट टू रिकॉल बंद करने की भी मांग उठाई।

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सरंपचों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने सरपंचों द्वारा करवाए जाने विकास कार्य की खर्च सीमा को 20 लाख से कम करके दो लाख तक सीमित कर दिया है। दो लाख से 20 लाख रुपये तक के कार्य के लिए ई-टेंडर लगाया जाएगा। सरपंचों के पास ग्राम पंचायत में अनेक समस्याएं ऐसी होती है जिनका समाधान एक से दो, तीन में करवाना आवश्यक होता है।


जगाधरी में सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रिंपी सैनी और महासचिव जरनैल सिंह ने कहा सरकार ई-टेंडर जैसे नियम बनाकर गांवों का विकास रोकना चाहती है। 2 लाख की राशि से गांव की कोई भी मांग पूरी नहीं हो सकती है। ऐसे में ग्रामीणों ने जिस उम्मीद से उन्हें सरपंच पद के लिए चुना है, वह खत्म हो गई है।

ऐसे हालात में वे ग्रामीणों की मांगों पर कभी भी खरा नहीं उतर पाएंगे। उनकी सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द उनकी मुख्य मांगों को पूरा किया जाए। क्योंकि ईटेंडरिंग के माध्यम से सरकार जो काम करवाना चाह रही है। उससे सरपंचों को काफी परेशानी आने वाले हैं। क्योंकि कोई भी ठेकेदार काम करते वक्त पूरा पैसा नहीं लगाएगा और गांव में हुए कामों की जिम्मेदारी सरपंच पर होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना चाहती है। परन्तु दूसरी तरफ सरपंचों पर विश्वास नहीं किया जा रहा है। ऐसे में पंचायतों को पूरा मान सम्मान देते हुए पूरी छूट दी जाएं। ताकि गांवों का सम्पूर्ण विकास करवाया जा सके। नहीं तो आने वाले समय में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।


प्रदेशभर के विकास एवं पंचायत कार्यालयों की तालाबंदी कर रोष प्रदर्शन किया। जब से हरियाणा सरकार ने पंचायतों के काम की स्लैब जारी की है, जब से यह विरोध प्रदर्शन जारी हैं देखना होगा कि सरकार इनकी मांगों पर गौर फरमाएगी या नहीं। 

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