Type Here to Get Search Results !

ad

ADD


 

𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡 𝐍𝐞𝐰𝐬: प्रदेश में सरपंचों के फंड को लेकर मनोहर सरकार का बडा ऐलान


सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद के चेयरमैन अपने स्तर पर दे सकेंगे विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक स्वायत्ता प्रदान की है। पूर्व की भांति पंचायती राज संस्‍थाओं के अपने फंड और ग्रांट-इन-ऐड में से छोटे या बड़े, जिस भी राशि के काम होंगे, उनकी प्रशासनिक स्वीकृति ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर ही होगी। 

उदाहरणतः 𝟐 लाख रुपये के काम हों या 𝟐.𝟓𝟎 करोड़ रुपये के काम हों, उनकी प्रशासनिक स्वीकृति सरपंच तथा पंचायत समिति और जिला परिषद के चेयरमैन द्वारा उनके अपने स्तर पर ही दी जाएगी। पहले प्रशासनिक स्वीकृति के लिए फाइलें राज्य सरकार के पास आती थी। इस कदम से पंचायती राज संस्‍थाओं को बड़ी राहत मिली है और अब गांवों में विकास कार्य तेज गति से हो सकेंगे।

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि पंचायती राज संस्‍थाओं के अपने फंड और ग्रांट-इन-ऐड में से होने वाले छोटे या बड़े सभी प्रकार के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद द्वारा ही दी जाएगी। 

हालांकि, ऐसे विकास कार्यों की तकनीकि स्वीकृति के लिए सरकार ने विभिन्न स्लैब निर्धारित की है, जिसके तहत 𝟐 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति जूनियर इंजीनियर देगा। 𝟐 लाख से 𝟐𝟓 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति एसडीओ देगा। 

𝟐𝟓 लाख से 𝟏 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति एक्सईएन देगा। एक करोड़ से 𝟐.𝟓 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति अधीक्षण अभियंता तथा 𝟐.𝟓 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य की तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा।

ग्राम पंचायत फंड से कराये जाने वाले कार्यपंचायत समिति फंड से कराये जाने वाले कार्यजिला परिषद फंड से कराये जाने वाले कार्य.

काम की प्रकृति/ मूल्यप्रशासनिक स्वीकृतितकनीकि स्वीकृतिप्रशासनिक स्वीकृतितकनीकि स्वीकृतिप्रशासनिक स्वीकृतितकनीकि स्वीकृति

𝟏𝟐 लाख रुपये तक के कार्य ग्राम पंचायतजूनियर इंजीनियर पंचायत समितिजूनियर इंजीनियर जिला परिषदजूनियर इंजीनियर

𝟐𝟐 लाख से 𝟐𝟓 लाख रुपये तक के कार्यसब डिजिवजनल ऑफिसर (एसडीओ) सब डिजिवजनल ऑफिसर (एसडीओ) सब डिजिवजनल ऑफिसर (एसडीओ)

𝟑𝟐𝟓 लाख से 𝟏 करोड़ रुपये तक के कार्यकार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन)

𝟒𝟏 करोड़ से 𝟐.𝟓 करोड़ रुपये तक के कार्यअधीक्षण अभियंता (एसई) अधीक्षण अभियंता (एसई) अधीक्षण अभियंता (एसई)

𝟓𝟐.𝟓 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य चीफ इंजीनियर चीफ इंजीनियर चीफ इंजीनियर

राज्य सरकार के फंड से किये जाने वाले कार्य के मामले में सभी स्वीकृतियां विभागीय स्तर पर मिलेंगी
प्रवक्ता ने बताया कि विकास कार्यों के लिए यदि पंचायती राज संस्‍थाओं के पास राशि कम पड़ती है और उनकी मांग पर राज्य सरकार अतिरिक्त फंड प्रदान करती है,
 तो उस स्थिति में 𝟐𝟓 लाख रुपये तक के कार्यों के लिए यह राशि यानी 𝟐𝟓 लाख रुपये सीधे पीआरआई को दी जाएगी।

𝟐𝟓 लाख रुपये से ज्यादा के काम ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किये जाएंगे। इसके लिए, 𝟐𝟓 लाख रुपये से 𝟏 करोड़ रुपये तक की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग के निदेशक द्वारा दी जाएगी और इस कार्य की तकनीकि स्वीकृति एक्सईएन देगा। 

एक करोड़ से 𝟐.𝟓 करोड़ रुपये तक के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति प्रशासनिक सचिव तथा तकनीकि स्वीकृति अधीक्षक अभियंता देगा। 𝟐.𝟓 से 𝟏𝟎 करोड़ रुपये तक के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति विकास एवं पंचायत मंत्री द्वारा दी जाएगी और तकनीकि स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा। 

𝟏𝟎 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति मुख्यमंत्री स्तर पर होगी तथा तकनीकि स्वीकृति चीफ इंजीनियर द्वारा दी जाएगी।

राज्य सरकार के फंड से करवाये जाने वाले कार्य

काम की प्रकृति/ मूल्यप्रशासनिक स्वीकृतितकनीकि स्वीकृति

𝟏𝟐𝟓 लाख रुपये से 𝟏 करोड़ रुपये तक के कार्य निदेशक कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन)

𝟐𝟏 करोड़ से 𝟐.𝟓 करोड़ रुपये तक के कार्यप्रशासनिक सचिव अधीक्षण अभियंता (एसई)

𝟑𝟐.𝟓 से 𝟏𝟎 करोड़ रुपये तक के कार्यविकास एवं पंचायत मंत्री चीफ इंजीनियर

𝟒𝟏𝟎 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य मुख्यमंत्री चीफ इंजीनियर

पीआरआई के फंड से मरम्मत और रखरखाव के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति भी ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर मिलेगी

प्रवक्ता ने बताया कि नये कार्यों के अलावा पंचायती राज संस्‍थाओं के अपने फंड और ग्रांट-इन-ऐड में से होने वाले मरम्मत और रखरखाव के छोटे या बड़े सभी कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर ही मिलेगी। 

हालांकि, 𝟐𝟎 हजार रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति जूनियर इंजीनियर देगा। 𝟐𝟎 हजार से 𝟐.𝟓𝟎 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति एसडीओ देगा। 𝟐.𝟓𝟎 लाख से 𝟏𝟎 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति एक्सईएन देगा। 

𝟏𝟎 लाख से 𝟐𝟓 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति अधीक्षण अभियंता तथा 𝟐𝟓 लाख रुपये से अधिक के कार्य की तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा।

प्रवक्ता ने बताया कि पहले कार्य करवाने के लिए तकनीकी स्वीकृतियों में ही बहुत लंबा समय लगता था, लेकिन अब पंचायती राज संस्थाओं के अपने स्तर पर विकास कार्यों की मंजूरी से यह कार्य जल्दी होंगे। 

उन्होंने बताया कि गांवों में विकास कार्यों के लिए यदि धन की आवश्यकता होती है तो उनके फिक्स डिपोजिट में से एक साल में 𝟓𝟎 लाख रुपये तक या कुल डिपोजिट की 𝟏𝟎 प्रतिशत राशि, जो भी अधिक हो, जिला उपायुक्त रिलीज कर सकता है। इससे अधिक राशि रिलीज करने के लिए राज्य सरकार निर्णय लेगी।

READ ALSO- हरियाणा ने दिखा दिया कि हरियाणा क्या है और क्या कर सकता है– राहुल गांधी  

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad


ADD


 

ads