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𝐁𝐡𝐢𝐰𝐚𝐧𝐢 𝐍𝐞𝐰𝐬: प्रदेश सरकार ने दो्गुनी की विज्ञान-रत्न पुरस्कार की राशि, अब मिलेगे चार लाख

𝐒𝐡𝐚𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐯𝐚𝐥𝐮𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐢𝐛𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚𝐧 𝐬𝐜𝐢𝐞𝐧𝐭𝐢𝐬𝐭𝐬 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐨𝐫𝐥𝐝, 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐜𝐚𝐥𝐥𝐞𝐝 𝐮𝐩𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐭𝐨 𝐦𝐨𝐯𝐞 𝐚𝐡𝐞𝐚𝐝 𝐞𝐱𝐩𝐞𝐝𝐢𝐭𝐢𝐨𝐮𝐬𝐥𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐛𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐥𝐚𝐮𝐫𝐞𝐥𝐬 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐛𝐲 𝐦𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐧𝐞𝐰 𝐢𝐧𝐯𝐞𝐧𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐢𝐞𝐥𝐝 𝐨𝐟 𝐬𝐜𝐢𝐞𝐧𝐜𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐞𝐜𝐡𝐧𝐨𝐥𝐨𝐠𝐲.



भिवानी, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिकों की दुनिया को बहुत बड़ी देन है। गणित के क्षेत्र में जीरो, संख्या प्रणाली व पाई का मान दुनिया को हमारे गणितज्ञों ने दिए। ऐसे भारत के 12 वैज्ञानिक हुए हैं, जिनको विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के सर्वोच्च नॉबेल पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। 

The inauguration ceremony of the two-day science conference on the topic ‘Role of Scientists in Nation Building’ at Chaudhary Bansi Lal University, Bhiwani.


भारत के सुप्रसिद्घ गणितज्ञ रामानुजन् ने ज्यूमेट्री की 4000 से भी अधिक थ्योर्म की खोज की। उनकी प्रतिभा को देखते हुए कैम्ब्रीज विश्वविद्यालय के प्रो. हार्डी ने उनको अपने साथ रखा, जो हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे वायु की तरह तेज गति से चलते हुए आगे बढ़े और विज्ञान के क्षेत्र में नए अविष्कार कर भारत का नाम रोशन करें।


मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार को चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में राष्ट्र निर्माण में वैज्ञानिकों की भूमिका विषय पर आयोजित दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने करीब साढ़े पांच लाख रुपए की लागत से विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित की गई स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने यहां पर 128 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले तीसरे शैक्षिणिक भवन की आधाशिला रखी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां पर विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी और श्रीनिवास रामानुजन भवन का अवलोकन भी किया। इस दौरान प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल, भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ, बवानीखेड़ा से विधायक बिशम्बर वाल्मिकी और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके मित्तल भी मौजूद रहे।

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विज्ञान सम्मेलन में जिलेभर से आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी जीवन में ऊर्जा का संचार करते हैं, जिससे हर क्षेत्र में विकास को गति मिलती है। भारत प्राचीन काल से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारा अतीत वैज्ञानिकों से भरा हुआ है। विज्ञान में भारतीय स्वर्णिम इतिहास के दिग्गजों में होमी जहांगीर भाभा, जगदीश बसु, रामानुजन, शांतिस्वरुप भटनागर आदि प्रमुख हैं, जिनका विज्ञान के क्षेत्र में अमूल्य योगदान है। आधुनिक युग में भूतपूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय श्री एपीजे अब्दुल कलाम का नाम भी अग्रणी है।

भारत के 12 वैज्ञानिकों को मिल चुका है विज्ञान और तकनीकि के क्षेत्र में नॉबेल पुरस्कार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत के 12 भारतीयों को उनके वैज्ञानिक और तकनीकी योगदान के लिए नॉबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। सीवी रमन को उनके रमन प्रभाव के लिए 1930 में तथा बायोकेमिस्ट हर गोबिंद खुराना को प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करने के लिए नॉबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड महामारी के दौरान भारत के वैज्ञानिकों से वैक्सीन डोज बनाने का आह्वान किया गया था, जिस पर भारत के वैज्ञानिकों ने इस चुनौति को एक अवसर के रूप में स्वीकारा और एक नहीं बल्कि दो वैक्सीन बनाई। 200 करोड़ वैक्सीन डोज बनाकर न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों को भी वैक्सीन देने का काम किया। इससे भारत के वैज्ञानिकों ने वर्तमान समय में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

प्रदेश सरकार ने विज्ञान-रत्न पुरस्कार राशि को दो लाख रुपए से बढ़ाकर चार लाख किया


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत विज्ञान आधारित दृष्टिकोण के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। हरियाणा सरकार नवाचार को लेकर बजट में विशेष प्रावधान कर रही है। विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच को और अधिक विकसित करने के लिए विज्ञान-रत्न पुरस्कार राशि को दो लाख रुपए से बढ़ाकर चार लाख रुपए किया गया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह विज्ञान सम्मेलन भी बहुत ही कारगर साबित होगा।

विज्ञान सम्मेलन को चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. आरके मित्तल ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वन को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। 

विद्यार्थियों को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने उन्हें जिला रोजगार सृजन केंद्र द्वारा विशेष प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। विज्ञान प्रदर्शनी में क्षेत्र के 40 से अधिक सरकारी तथा मान्यता प्राप्त स्कूलों के 500 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।

इस मौके पर इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर के कुलपति डॉ. जेपी यादव, सीबीएलयू की कुलसचिव ऋतु सिंह, वैज्ञानिक प्रो. सीपी कौशिक, उपायुक्त नरेश नरवाल, पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह, एसडीएम संदीप अग्रवाल, डीएसपी आर्यन चौधरी, शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह, डीन प्रो. सुनीता भरतवाल, डॉ. आशा पूनिया, प्रो. संजीव कुमार, डा़ॅ स्नेहलता शर्मा, डीन डॉ. सुरेश मलिक, डीन प्रो. आरके गुप्ता, प्रो. नितिन बंसल, डॉ. पवन, डॉ. राहुल त्रिपाठी पीआरओ ऋषि शर्मा विश्वविद्यालय के सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।

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