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𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡 𝐍𝐞𝐰𝐬: मनोहर लाल ने सिख बिजनेस लीडर्स ऑफ इंडिया कॉफ़ी टेबल बुक की रिलीज़

𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐫𝐞𝐥𝐞𝐚𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐟𝐟𝐞𝐞 𝐭𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐛𝐨𝐨𝐤 ‘𝐒𝐢𝐤𝐡 𝐁𝐮𝐬𝐢𝐧𝐞𝐬𝐬 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚’, 𝐚𝐮𝐭𝐡𝐨𝐫𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐃𝐫. 𝐏𝐫𝐚𝐛𝐡𝐥𝐞𝐞𝐧 𝐚𝐭 𝐚 𝐟𝐮𝐧𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐳𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐃𝐞𝐥𝐡𝐢. 𝐎𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐜𝐜𝐚𝐬𝐢𝐨𝐧, 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐢𝐧𝐯𝐢𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐝𝐮𝐬𝐭𝐫𝐢𝐚𝐥𝐢𝐬𝐭𝐬 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐠𝐫𝐚𝐦𝐦𝐞 𝐭𝐨 𝐬𝐞𝐭 𝐮𝐩 𝐢𝐧𝐝𝐮𝐬𝐭𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐢𝐧 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐜𝐫𝐞𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐚 𝐜𝐨𝐧𝐝𝐮𝐜𝐢𝐯𝐞 𝐞𝐧𝐯𝐢𝐫𝐨𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐚𝐧𝐝 𝐚𝐫𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐯𝐚𝐫𝐢𝐨𝐮𝐬 𝐟𝐚𝐜𝐢𝐥𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬.



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सिख बिजनेस लीडर्स ऑफ इंडिया कॉफ़ी टेबल बुक को रिलीज़ किया जो कि डॉक्टर प्रभलीन ने लिखी है। 

Chief Minister releases coffee table book ‘Sikh Business Leaders of India’

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आए उद्यमियों को हरियाणा में उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में राज्य सरकार ने उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया है, सरकार की ओर से बहुत सी सुविधाएं दी जा रही हैं।

उन्होंने सिख उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा में आकर व्यापार करेंगे तो उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी। सरकार ने सिंगल रूफ़ सिस्टम बनाया है, जिसके तहत उद्योगों को मिलने वाली सभी प्रकार की अनुमति 45 दिन में एक छत के नीचे मिल रही हैं। 

प्रदेश में अब बिजली आपूर्ति की स्थिति भी बेहतर है। इतना ही नहीं, औद्योगिकीकरण की दृष्टि से राज्य सरकार ने प्रदेश को 4 श्रेणियों - ए, बी, सी और डी में बाँटा है। यदि सी और डी जोन में उद्योग स्थापित करेंगे तो 4000 रुपये प्रति वर्कर प्रति माह अगले 4 सालों तक हरियाणा सरकार प्रोत्साहन के तौर पर प्रतिपूर्ति करेगी।

मनोहर लाल ने कहा कि सिख समाज का प्रदेश और देश की उन्नति में बहुत बड़ा योगदान है। यह समाज कर्मशील समाज है और इन्होंने संघर्ष करके अपने व्यापार, अपने परिवार, देश और समाज को आगे बढ़ाने का काम किया है। इसके साथ ही जो गरीब है, जो किसी कारण से मुख्यधारा से पीछे रह गए हैं, उनको आगे बढ़ाने के लिए भी सेवा भाव से काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दशम पातशाही के समय देश में जो हालात थे, उस समय देश गुलामी की जिंदगी जी रहा था। अपने आप को उजागर करने या अपनी बात कहने और स्वाभिमान से जीने का मौका नहीं था। उस समय श्री गुरु नानक देव जी ने भक्ति आंदोलन शुरू किया। 

उसके बाद कई कथावाचकों ने भी लोगों में भक्ति भाव पैदा करके लोगों का मन मजबूत करने का काम किया। दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का समय जब आया तब यह महसूस हुआ कि भक्ति भाव के बाद शक्ति मार्ग का भी उपयोग करना पड़ेगा। शक्ति का प्रयोग करके दुश्मनों को हराकर आगे बढ़ना होगा।

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