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𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬 : निरीक्षण के दौरान स्कूल बसों में मिली खामियां - बसों के चालान कर किया सीज़

सभी शिक्षण संस्थानों के बसों के चालकों व परिचालकों को करना होगा नियमों का पालन


चालक व परिचालक को करना होगा प्रशिक्षित


नियमों की अवहेलना करने वाले संस्थानों के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही - उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार


सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार डीसी व एसपी ने किया स्कूल बसों का निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा निर्देश










यमुनानगर DIGITAL DESK  ||   उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार व पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने महेंद्रगढ़ में हुए स्कूल बस हादसे के मध्यनजर शुक्रवार को बस स्टैंड जगाधरी के सामने चौंक पर विभिन्न स्कूल बसों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीपीएस स्कूल की बसों पर लिखे हुए नम्बरों पर फोन करने पर पाया कि वह नम्बर स्कूल के रिसैप्शन का है।




उपायुक्त ने कहा कि स्कूल बसों पर स्कूल प्रिंसिपल व यातायात प्रबंधक का नम्बर लिखा होना चाहिए। गणपति कांवेंट स्कूल बिलासपुर की बस की जांच के दौरान चालक वर्दी में न होने के कारण, सीसीटीवी कैमरा व फस्र्ट एड बाक्स नहीं होने के कारण चालान कर सीज किया गया। सरस्वती पब्लिक स्कूल की जीप में चालक वर्दी में न होने के कारण उसका भी चालान किया गया।  इसके उपरांत कमानी चौंक यमुनानगर पर भी डीएवी सैंचुरी स्कूल रादौर की बस का भी चालक के वर्दी में न होने के कारण चालान किया गया। इस मौके पर ट्रैफिक थाना प्रभारी राम पाल भी मौजूद रहे।






उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशानुसार सरकार द्वारा स्कूल-कालेज बसों के लिए जरूरी निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने स्कूल-कालेज वाहन चालकों का आह्वान किया है कि वे जारी निर्देशों के अनुसार वाहनों की निर्धारित गति सीमा के अनुसार ही अपने वाहन चलाए। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी भी सड़क एवं वाहन दूर्घटना होने पर आपातकालीन सेवा के लिए टोल फ्री नम्बर 112,1073 पर तुरंत सूचित करेें।






स्कूल-कॉलेज वाहनों के ड्राइवरों और कंडक्टरों को यातायात नियमों का पूरा ध्यान रखना चाहिए। चालको, परिचालको व स्कूल के अन्य स्टाफ की पूरी वेरिफिकेशन के बाद ही उसे ड्यूटी पर रखा जाए। इन नियमों में यदि कोई शिक्षण संस्थान कौताही बरतेगा तो उसके विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।






उपायुक्त ने बताया कि स्कूल-कालेज की प्रत्येक गाड़ी, बस या अन्य प्रकार के वाहन के पास मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66 के अनुसार परमिट होना चाहिए। सभी शैक्षणिक संस्थानों में प्रयोग होने वाली गाडिय़ो में उचित फिटनैस व बीमा प्रमाणपत्र होना चाहिए। उन्होंने बताया कि ड्राईवर को पांच वर्ष तक गाड़ी चलाने का कम से कम अनुभव हो व सभी शैक्षणिक संस्थानों में वाहनों के ड्राईवर व कंडक्टर निर्धारित वर्दी में होने चाहिए व उनकी नेम प्लेट वर्दी पर लगी होनी चाहिए।



उन्होंने बताया कि ड्राईवर व कंडक्टर को नियुक्त करते समय उन्हे सक्षम अधिकारी द्वारा जारी लाईसैंस चैक करने के उपरांत ही उनकी नियुक्ति की जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक ड्राईवर व कंडक्टर जो बसों पर नियुक्त किए जाएगे, का दो वर्षो से कम अवधि में एक बार रिफ्रेशर कोर्स अवश्य होना चाहिए। प्रदूषण प्रमाण पत्र वाली गाड़ी ही सड़को पर चलेगी।





उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों के वाहनों में फस्र्ट ऐड बाक्स व अग्निशमन यंत्र होना चाहिए व बसों में जितनी सीटें है, उतने ही बच्चों को बिठाया जाना चाहिए। प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों के वाहनों के ड्राईवरों का वर्ष में एक बार डाक्टरी परीक्षण होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि बस चालक के खिलाफ दुर्घटना का अभियोग भारतीय दण्ड सहिता की धारा 279, 337,338 व 304 ए अंकित है तो उसे स्कूल बस पर बतौर चालक न रखा जाए।



उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि किसी भी स्कूल बस के काले या रंगीन शीशे नहीं होने चाहिए और बस या अन्य स्कूल वाहन में पर्दे नही लगे होने चाहिए तथा रात के समय अंदर की लाइट जला कर रखनी चाहिए। उपायुक्त नेे बताया कि निर्धारित गति सीमा से अधिक गति से वाहन चलाना दण्डनीय अपराध है। अत: हर वाहन चालक निर्धारित गति में ही अपने वाहन चलाएं ताकि सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके व जानमाल की हानि को रोका जा सके।



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