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Yamunanagar- चार बेटियों ने निभाई माता के अंतिम संस्कार की रसम, अर्थी को दिया कंधा

Daughter Perform Funeral Rites : चार बेटियों ने माता को कंधा देकर बेटे का फर्ज पूरा किया. बेटियों ने श्मशान घाट तक जाकर माता का रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार भी किया.


यमुनानगर NEWS  यमुनानगर के गांव गुमथला के नंबरदार दीप राणा की 80 वर्षीय  माता बिमला देवी  के निधन पर मृतक महिला की चारों बेटियों ने माता को कंधा देकर बेटे का फर्ज पूरा किया। बेटियों ने श्मशान घाट तक जाकर माता का रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार भी किया। बेटियों ने अर्थी को कंधा देकर ग्रामीणों को बेटे व बेटी के एक समान होने का संदेश भी दिया।  

मृतक महिला बिमला देवी पिछले लगभग 30 वर्षो से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ी हुई थी। जिसकी प्रेरणा से महिला ने अपनी मृत्यु के बाद आंखें दान करने का संकल्प लिया था। ताकि  दान दी गई आंखें किसके आंखों की रोशनी बनी महिला की मृत्यु के बाद उनकी आंखें माधव नेत्र बैंक करनाल को दान की गई। जिसके बाद उनकी आंखों से 2 लोग इस हसीन दुनिया को फिर से देख सकेंगे। महिला द्वारा मृत्यु के बाद आंखें दान करने की समाज के लोगों ने भरपूर प्रशंसा की है।

नंबरदार दीप राणा ने बताया कि उनकी माता बिमला देवी कुछ समय से बीमार चल रही थी। उनकी इच्छा थी कि उनकी आंखें मृत्यु के बाद दान की जाए। उनकी इच्छानुसार आंखें दान की गई है। जबकि उनकी बेटी रानी इंसा, गुड्डी इंसा, गीतु इंसा, बॉबी इंसा व सोहन इंसा ने अपनी माता की अर्थी को कंधा देकर सभी को संदेश दिया कि आज समाज में बेटा व बेटी एक समान है, दोनो में कोई फर्क नहीं है।

डेरा सच्चा सौदा की ओर से भी यही संदेश दिया गया है कि बेटिया भी अपने मां-बाप की अर्थी को बेटे के समान कंधा दे सकती है। इससे समाज में बेटे व बेटी के बीच के फर्क को खत्म किया जा सकता है। 

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