ओम प्रकाश गाँधी : स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में कुछ
करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने अपनी स्थायी नौकरी, प्रवक्ता पद भौतिक शास्त्र से परित्याग
पत्र देकर हरियाणा के ग्राम देवधर को अपनी कर्मभूमि के रूप में
चुना तथा प्रचारिणी सभा का पंजीकरण कराया। 20 मई 1984 को स्थापित इस सभा ने 27 अक्टूबर 1985 को देवधर ग्राम में गुर्जर कन्या
विद्या मंदिर के नाम से एक संस्था का शिलान्यास कराया.
यमुनानगर/खिजराबाद NEWS। इतिहास साक्षी है कि जिस
राष्ट्र का स्त्री समाज सुशिक्षित और सुसंस्कृत होता है। वह राष्ट्र विश्व का
सिरमौर होता है। क्योंकि सुशिक्षित
माता ही अच्छे नागरिकों का निर्माण कर
राष्ट्र को बलवान बनाती है। दुर्भाग्य
से हमारे देश में शताब्दियों
की परतंत्रता ने राष्ट्र निर्मात्री नारी को अत्यंत दीन-हीन अवस्था में
पहुंचा दिया।
ग्रामीण
भारत की बहुसंख्यक कन्याएं आज भी शिक्षा से वंचित
हैं। शहरी
क्षेत्र में शिक्षा के नाम पर पश्चिम का अन्धानुकरण हो रहा है। तथा
ये तथाकथित शिक्षित कन्याएं हमारे सामाजिक ढांचे के
अनुपयुक्त सिद्ध होती
हैं। और अनेक असामाजिक समस्याओं का कारण बनती
हैं। ये विसंगतियां
समाज के हर विचारशील व्यक्ति को कष्ट देती हैं। कुछ प्रबुद्ध व्यक्ति ऐसे
भी होते हैं जो इन समस्याओं से जूझने का संकल्प लेते हैं। और अपने
कार्यों से दिशा निर्देश करते हैं।
- ऐसे एक निष्काम कर्मयोगी ओम प्रकाश गाँधी
जिनके मन में
स्त्रियों के प्रति अगाध श्रद्धा और उनकी
वर्तमान दशा के प्रति अथाह करुणा की भावना थी जिससे उन्हें स्त्री शिक्षा के
क्षेत्र में कुछ करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने
अपनी स्थायी नौकरी, प्रवक्ता पद भौतिक
शास्त्र से परित्याग पत्र देकर हरियाणा के ग्राम देवधर
को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना तथा प्रचारिणी सभा का पंजीकरण
कराया। 20 मई 1984 को स्थापित
इस सभा ने
27 अक्टूबर 1985 को देवधर ग्राम
में गुर्जर कन्या विद्या मंदिर के नाम से एक संस्था का शिलान्यास
कराया। गुर्जर
कन्या विद्या मंदिर में प्राथमिक कक्षाएं रामनवमी के अवसर पर 7 अप्रैल 1987 को प्रारंभ
की गई थी।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने एक
अनूठी पहल करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले गुरुजनों का
उनके घर पहुंच कर सम्मान किया गया। शिक्षा मंत्री कंवर पाल सबसे पहले गुर्जर कन्या
गुरुकुल संस्थान देवधर पहुंचे। संस्थान के संस्थापक प्रसिद्ध समाजसेवी प्रोफेसर ओम
प्रकाश गांधी को साल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा
कि प्रो. ओम प्रकाश गांधी का योगदान शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय है। उन्होंने
कहा कि प्रोफेसर गांधी लेक्चरर की नौकरी छोड़ समाज सेवा के क्षेत्र में जुट गए।
उन्हें के प्रयासों से देवधर में कन्या गुरुकुल जैसी उच्च श्रेणी की संस्थान की
स्थापना हुई।
आपको बता दें कि गुर्जर कन्या
विद्या मंदिर के संस्थापक ओम प्रकाश पोसवाल
गाँधी का जन्म जिला यमुनानगर
हरियाणा के माधोबांस नामक गाँव में एक किसान परिवार में हुआ। इनके पिता
का नाम रणजीत सिंह और माता का नाम श्रीमती कमला देवी है। अपने विद्यार्थी काल में
महर्षि दयानंद सरस्वती के व्यक्तित्व व कृतित्व का ऐसा गहरा
प्रभाव हुआ कि एक साधारण युवक ने असाधारण संकल्प लेकर समाज को दिशा देने
का प्रयास शुरू किया। एम. एस. सी.
भौतिकी करने के बाद ये सहारनपुर
उत्तर प्रदेश के एक महाविद्यालय में प्रवक्ता पद पर प्रतिष्ठित हुए और वहां
से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर स्त्री शिक्षा के लिए कार्य शुरू किया। अपनी
विनम्रता, शालीनता, व्यवहार-कुशलता और लोगों को
संगठित करने की क्षमता के कारण अपने संकल्प को मूर्तरूप देकर 7 अप्रैल 1987 को गुर्जर
कन्या विद्या मन्दिर का शुभारम्भ किया। अपनी स्थापना से
लेकर आज तक विद्यालय उन्हीं के प्रबंधन और मार्गदर्शन में प्रगति के
पथ पर अग्रसर है। विद्यालय
रुपी पौधा जो आदरणीय गुरु जी ने लगाया है आज
उस पौधे ने एक वट वृक्ष का रूप धारण कर लिया है।