Meghalaya Governor Satya Pal Malik has launched a scathing attack on Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar over the lathi charge on farmers in Karnal on Saturday. Accusing the Chief Minister of beating up the farmers, he demanded the immediate sacking of the SDM who ordered the lathi charge. He has also criticized the central government for the death of 600 people in the farmers’ movement so far.
करनाल
में शनिवार को किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक
ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने
मुख्यमंत्री पर किसानों को पिटवाने का आरोप लगाते हुए लाठीचार्ज का आदेश देने वाले
एसडीएम को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। किसान आंदोलन में अब तक 600 लोगों की मौत पर उन्होंने केंद्र सरकार
की भी आलोचना की है।
कंवरपाल ने कहा करनाल में जहां मीटिंग की जा
रही थी,
वहां किस तरीके की बदतमीजी की गई है। इस आंदोलन में किसान कम असामाजिक तत्व
ज्यादा है। उन्होंने कहा की राज्यपाल महोदय को अगर इन कथित किसानों
से ज्यादा प्यार है, तो इन किसानों को अपने वहां ले जाएं।
मेघालय
के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जो
कुछ हुआ वह अस्वीकार्य है। बात बढ़ी तो सिर एसडीएम का भी फूट सकता है। उसके ऊपर के
लोगों का भी सिर फूट सकता है। साफ है कि सब कुछ सीएम के इशारे पर हो रहा है। एक
एसडीएम बिना इशारे के इस तरह का आदेश नहीं दे सकता। सीएम को किसानों से माफी
मांगनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर कहा कि एक नेता उत्तर प्रदेश से आया है, वो हरियाणा में राजनीति कर रहा है, लखनऊ क्यों नहीं जाता है..?
मेघालय
के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने केंद्र सरकार से किसानों
के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करने को कहा था। केंद्र की ओर से बल प्रयोग नहीं हुआ, मगर सीएम किसानों को पिटवा रहे हैं।
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शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर |
कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को चुनाव लड़ना है। इसलिए इस तरह का बयान दे रहे हैं। कंवरपाल ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को चुनौती देते हुए कहा कि अगर राजनीति करनी है, तो इस्तीफा देकर राजनीति के मैदान में आ जाएं। गुर्जर ने कहा सत्यपाल मलिक महामहिम राज्यपाल के पद पर है। ऐसे में वे ये भी बताएं जब सरकार को किसी आंदोलन में कानून व्यवस्था को बनाना हो तो ऐसे में वह सरकार क्या कदम उठाएगी।
किसान
आंदोलन पर केंद्र सरकार पर हमलावर रहे राज्यपाल ने कहा, मुझे पद का मोह नहीं है। मैं किसान का
बेटा हूं, इसलिए अपने लोगों के लिए बोलता रहूंगा, चाहे इसका जो नतीजा हो, मुझे परवाह नहीं।
कंवरपाल
ने कहा भाजपा में 70 साल से ज्यादा उम्र होने पर टिकट नहीं
दी जाती है। इसीलिए लगता है कि अब सत्यपाल मलिक चुनाव लड़ना
चाहते हैं। इसीलिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। करनाल में लाठी चार्ज करने वाले पुलिस इंस्पेक्टर को काम का गद्दार
बताया जाने पर कंवरपाल ने कहा कि समाज को तोड़ने वाली बात है। किसी को इसका समर्थन नहीं करना चाहिए और जो राजनीतिक दल किसान आंदोलन
का समर्थन करते हैं। क्या उन्होंने इस बयान की निंदा की है।
पंजाब
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि किसानों में बढ़े आक्रोश और
बेचैनी के लिए पंजाब नहीं,
बल्कि भाजपा सीधे तौर पर जिम्मेदार है। पंजाब को जिम्मेदार ठहराने के बजाय
कृषि कानून रद्द करें।
शिक्षा मंत्री ने कहा पुलिस कर्मचारी सिर्फ अपनी
ड्यूटी कर रहे थे, यह उनका फर्ज है। शिक्षा मंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री और तमाम कांग्रेस के नेताओं द्वारा
मुख्यमंत्री के खिलाफ दिए जा रहे हैं बयानों पर कहा, पंजाब सरकार को वोट कांग्रेस को
किसानों से माफी मांगनी चाहिए, हरियाणा ने किसानों के लिए जो किया है उसके मुकाबले पंजाब में कुछ
भी नहीं है।
कंवरपाल
गुर्जर बोले देश
को खाद्यान्न के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’ बनाने में हरियाणा और पंजाब के किसानों
का हमेशा से ही अहम योगदान रहा है, परंतु
पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में अपनाई गई नीतियों
तथा किसानों की मेहनत की बदौलत हरियाणा छोटा-सा प्रदेश होते हुए भी अपने ‘बड़े भाई’ पंजाब
से काफी आगे निकल गया है। कृषि
विशेषज्ञों का मानना है कि हरियाणा प्रदेश द्वारा कृषि के मामले में हो रही प्रगति
का एक बहुत बड़ा आधार राज्य सरकार की कृषि-नीतियां हैं। पंजाब राज्य का कुल
क्षेत्रफल व कृषि योग्य भूमि बेशक हरियाणा से कहीं ज्यादा है परंतु पिछले 7 वर्षों में वर्तमान सरकार ने 21 फल व सब्जियों तथा 11 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में
बढ़ोतरी करके खरीद करने का जो साहसिक निर्णय लिया है उसके मुकाबले पंजाब नजदीक भी
नहीं ठहरता।
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