𝑯𝒂𝒓𝒚𝒂𝒏𝒂 𝑫𝒆𝒑𝒖𝒕𝒚 𝑪𝒉𝒊𝒆𝒇 𝑴𝒊𝒏𝒊𝒔𝒕𝒆𝒓, 𝑫𝒖𝒔𝒉𝒚𝒂𝒏𝒕 𝑪𝒉𝒂𝒖𝒕𝒂𝒍𝒂 𝒊𝒏𝒇𝒐𝒓𝒎𝒆𝒅 𝒕𝒉𝒂𝒕 𝒃𝒚 𝒕𝒉𝒆 𝒆𝒏𝒅 𝒐𝒇 𝒕𝒉𝒆 𝒄𝒖𝒓𝒓𝒆𝒏𝒕 𝒇𝒊𝒏𝒂𝒏𝒄𝒊𝒂𝒍 𝒚𝒆𝒂𝒓, 𝒂 𝒕𝒐𝒕𝒂𝒍 𝒐𝒇 500 𝑫𝒆𝒑𝒐𝒕𝒔/𝑭𝒂𝒊𝒓𝒑𝒓𝒊𝒄𝒆 𝑺𝒉𝒐𝒑𝒔 𝒊𝒏 𝒕𝒉𝒆 𝑺𝒕𝒂𝒕𝒆 𝒘𝒐𝒖𝒍𝒅 𝒃𝒆 𝒄𝒐𝒏𝒗𝒆𝒓𝒕𝒆𝒅 𝒊𝒏𝒕𝒐 '𝑮𝒓𝒂𝒉𝒂𝒌 𝑺𝒆𝒘𝒂 𝑲𝒆𝒏𝒅𝒓𝒂’ 𝒊𝒏 𝒘𝒉𝒊𝒄𝒉 𝒕𝒉𝒆 𝒅𝒆𝒑𝒐𝒕𝒔 𝒘𝒐𝒖𝒍𝒅 𝒃𝒆 𝒍𝒊𝒏𝒌𝒆𝒅 𝒕𝒐 𝒕𝒉𝒆 𝒃𝒂𝒏𝒌𝒊𝒏𝒈 𝒔𝒆𝒄𝒕𝒐𝒓. 𝑻𝒊𝒍𝒍 𝒏𝒐𝒘 𝒕𝒉𝒊𝒔 𝒔𝒄𝒉𝒆𝒎𝒆 𝒘𝒂𝒔 𝒔𝒕𝒂𝒓𝒕𝒆𝒅 𝒂𝒔 𝒂 𝒑𝒊𝒍𝒐𝒕 𝒑𝒓𝒐𝒋𝒆𝒄𝒕 𝒊𝒏 𝒕𝒘𝒐 𝒅𝒊𝒔𝒕𝒓𝒊𝒄𝒕𝒔 𝒐𝒇 𝒕𝒉𝒆 𝑺𝒕𝒂𝒕𝒆 𝒊.𝒆. 𝑲𝒂𝒓𝒏𝒂𝒍 𝒂𝒏𝒅 𝑺𝒊𝒓𝒔𝒂.
चंडीगढ़ NEWS। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि चालू वित्त
वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 𝟓𝟎𝟎 डिपुओं/फेयरप्राइस शॉपस को ‘ग्राहक सेवा केंद्र’ में बदला जाएगा, जिसके तहत डिपो को बैंकिंग-सैक्टर से
जोड़ा जाएगा। अभी तक पायलट योजना के तौर पर प्रदेश के दो जिलों, नामत: करनाल और सिरसा में इस योजना को
शुरू किया गया है।
𝐷𝑒𝑝𝑢𝑡𝑦 𝐶ℎ𝑖𝑒𝑓 𝑀𝑖𝑛𝑖𝑠𝑡𝑒𝑟, 𝑤ℎ𝑜 𝑎𝑙𝑠𝑜 ℎ𝑜𝑙𝑑𝑠 𝑡ℎ𝑒 𝑝𝑜𝑟𝑡𝑓𝑜𝑙𝑖𝑜 𝑜𝑓 𝐹𝑜𝑜𝑑, 𝑆𝑢𝑝𝑝𝑙𝑖𝑒𝑠 𝑎𝑛𝑑 𝐶𝑜𝑛𝑠𝑢𝑚𝑒𝑟 𝐴𝑓𝑓𝑎𝑖𝑟𝑠 𝐷𝑒𝑝𝑎𝑟𝑡𝑚𝑒𝑛𝑡, 𝑖𝑛𝑓𝑜𝑟𝑚𝑒𝑑 ℎ𝑒𝑟𝑒 𝑡𝑜𝑑𝑎𝑦 𝑡ℎ𝑎𝑡 𝑎𝑠 𝑎 𝑝𝑖𝑙𝑜𝑡 𝑝𝑟𝑜𝑗𝑒𝑐𝑡 𝑖𝑛 𝐻𝑎𝑟𝑦𝑎𝑛𝑎, 𝐹𝑀𝐶𝐺 𝑝𝑟𝑜𝑑𝑢𝑐𝑡𝑠 𝑎𝑟𝑒 𝑚𝑎𝑑𝑒 𝑎𝑣𝑎𝑖𝑙𝑎𝑏𝑙𝑒 𝑎𝑡 𝑎𝑓𝑓𝑜𝑟𝑑𝑎𝑏𝑙𝑒 𝑟𝑎𝑡𝑒𝑠 𝑡ℎ𝑟𝑜𝑢𝑔ℎ 𝑑𝑒𝑝𝑜𝑡𝑠 𝑖𝑛 𝑓𝑖𝑣𝑒 𝑑𝑖𝑠𝑡𝑟𝑖𝑐𝑡𝑠 𝑜𝑓 𝑡ℎ𝑒 𝑆𝑡𝑎𝑡𝑒 𝑖𝑛 𝑐𝑜𝑙𝑙𝑎𝑏𝑜𝑟𝑎𝑡𝑖𝑜𝑛 𝑤𝑖𝑡ℎ 4 𝑚𝑢𝑙𝑡𝑖𝑛𝑎𝑡𝑖𝑜𝑛𝑎𝑙 𝑐𝑜𝑚𝑝𝑎𝑛𝑖𝑒𝑠. 𝑈𝑛𝑑𝑒𝑟 𝑡ℎ𝑖𝑠 𝑠𝑐ℎ𝑒𝑚𝑒, 𝑚𝑢𝑙𝑡𝑖𝑛𝑎𝑡𝑖𝑜𝑛𝑎𝑙 𝑐𝑜𝑚𝑝𝑎𝑛𝑖𝑒𝑠 𝑙𝑖𝑘𝑒 𝐷𝑎𝑏𝑢𝑟 𝐼𝑛𝑑𝑖𝑎 𝐿𝑖𝑚𝑖𝑡𝑒𝑑, 𝐻𝑖𝑛𝑑𝑢𝑠𝑡𝑎𝑛 𝑈𝑛𝑖𝑙𝑒𝑣𝑒𝑟 𝐿𝑖𝑚𝑖𝑡𝑒𝑑, 𝑀𝑎𝑟𝑖𝑐𝑜 𝐿𝑖𝑚𝑖𝑡𝑒𝑑, 𝐶𝑜𝑐𝑎-𝐶𝑜𝑙𝑎 𝐶𝑜𝑚𝑝𝑎𝑛𝑦, 𝐴𝑙𝑝𝑟𝑜 𝐶𝑜𝑛𝑠𝑢𝑚𝑒𝑟 𝑃𝑟𝑜𝑑𝑢𝑐𝑡𝑠 𝑃𝑟𝑖𝑣𝑎𝑡𝑒 𝐿𝑖𝑚𝑖𝑡𝑒𝑑 𝑤𝑒𝑟𝑒 𝑎𝑑𝑑𝑒𝑑 𝑤𝑖𝑡ℎ 63 𝑠ℎ𝑜𝑝𝑠 𝑖𝑛 𝐾𝑎𝑟𝑛𝑎𝑙, 𝑆𝑖𝑟𝑠𝑎, 𝐹𝑎𝑡𝑒ℎ𝑎𝑏𝑎𝑑, 𝑌𝑎𝑚𝑢𝑛𝑎𝑛𝑎𝑔𝑎𝑟, 𝑃𝑎𝑛𝑐ℎ𝑘𝑢𝑙𝑎 𝑑𝑖𝑠𝑡𝑟𝑖𝑐𝑡𝑠 𝑠𝑜 𝑓𝑎𝑟. 𝑇ℎ𝑒𝑠𝑒 𝑠ℎ𝑜𝑝𝑠 ℎ𝑎𝑣𝑒 𝑝𝑢𝑟𝑐ℎ𝑎𝑠𝑒𝑑 𝑖𝑛𝑣𝑒𝑛𝑡𝑜𝑟𝑦 𝑤𝑜𝑟𝑡ℎ 𝑅𝑠. 7.04 𝑙𝑎𝑘ℎ 𝑓𝑟𝑜𝑚 𝑡ℎ𝑒 𝑎𝑏𝑜𝑣𝑒 𝑐𝑜𝑚𝑝𝑎𝑛𝑖𝑒𝑠 𝑎𝑛𝑑 𝑠𝑜𝑙𝑑 𝑡ℎ𝑒 𝑝𝑟𝑜𝑑𝑢𝑐𝑡𝑠 𝑤𝑜𝑟𝑡ℎ 𝑅𝑠. 2.29 𝑙𝑎𝑘ℎ. 𝑁𝑜𝑤 𝑡ℎ𝑖𝑠 𝑠𝑐ℎ𝑒𝑚𝑒 𝑤𝑖𝑙𝑙 𝑏𝑒 𝑠𝑡𝑎𝑟𝑡𝑒𝑑 𝑖𝑛 𝑎𝑙𝑙 22 𝐷𝑖𝑠𝑡𝑟𝑖𝑐𝑡𝑠 𝑜𝑓 𝑡ℎ𝑒 𝑆𝑡𝑎𝑡𝑒.
डिप्टी सीएम, जिनके पास खाद्य,आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का प्रभार भी है, ने आज यहां यह जानकारी दी कि हरियाणा में पायलट के तौर पर प्रदेश के पांच जिलों में चार बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर डिपुओं के माध्यम से सस्ती दरों पर ‘फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स(एफएमसीजी)’ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना के तहत करनाल, सिरसा, फतेहाबाद, यमुनानगर, पंचकूला जिला में अभी तक 𝟔𝟑 शॉपस के साथ डाबर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, कोका-कोला कंपनी, एल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जोड़ा गया था। इन शॉपस ने उक्त कंपनियों से 𝟕.𝟎𝟒 लाख रुपए की इनवेंटरी खरीद की है तथा 𝟐.𝟐𝟗 लाख रुपए के प्रोडेक्टस की बिक्री की है। अब यह योजना राज्य के सभी 𝟐𝟐 जिलों में शुरू की जाएगी।
𝐷𝑢𝑠ℎ𝑦𝑎𝑛𝑡 𝐶ℎ𝑎𝑢𝑡𝑎𝑙𝑎 𝑖𝑛𝑓𝑜𝑟𝑚𝑒𝑑 𝑡ℎ𝑎𝑡 𝑢𝑛𝑑𝑒𝑟 𝑡ℎ𝑖𝑠 𝑠𝑐ℎ𝑒𝑚𝑒, 𝑡ℎ𝑒 𝑆𝑡𝑎𝑡𝑒 𝐺𝑜𝑣𝑒𝑟𝑛𝑚𝑒𝑛𝑡 ℎ𝑎𝑑 𝑡𝑖𝑒𝑑 𝑢𝑝 𝑤𝑖𝑡ℎ 𝑡ℎ𝑒 𝑆𝑡𝑎𝑡𝑒 𝐵𝑎𝑛𝑘 𝑜𝑓 𝐼𝑛𝑑𝑖𝑎 𝑡𝑜 𝑐𝑜𝑛𝑛𝑒𝑐𝑡 7 𝑑𝑒𝑝𝑜𝑡𝑠 𝑤𝑖𝑡ℎ 𝑡ℎ𝑒 𝑏𝑎𝑛𝑘𝑖𝑛𝑔 𝑝𝑟𝑜𝑗𝑒𝑐𝑡 𝑜𝑛 𝑎 𝑝𝑖𝑙𝑜𝑡 𝑏𝑎𝑠𝑖𝑠 𝑖𝑛 𝑡𝑤𝑜 𝑑𝑖𝑠𝑡𝑟𝑖𝑐𝑡𝑠 𝑜𝑓 𝐾𝑎𝑟𝑛𝑎𝑙 𝑎𝑛𝑑 𝑆𝑖𝑟𝑠𝑎. 𝑇ℎ𝑒 𝑏𝑎𝑛𝑘 𝑖𝑚𝑝𝑎𝑟𝑡𝑒𝑑 𝑡𝑟𝑎𝑖𝑛𝑖𝑛𝑔 𝑡𝑜 𝑡ℎ𝑒𝑠𝑒 𝑑𝑒𝑝𝑜𝑡-ℎ𝑜𝑙𝑑𝑒𝑟𝑠 𝑖𝑛 𝑓𝑖𝑛𝑎𝑛𝑐𝑖𝑎𝑙 𝑡𝑟𝑎𝑛𝑠𝑎𝑐𝑡𝑖𝑜𝑛𝑠. 𝐻𝑒 𝑠𝑎𝑖𝑑 𝑡ℎ𝑎𝑡 𝑖𝑛 𝑎 𝑝𝑒𝑟𝑖𝑜𝑑 𝑜𝑓 8 𝑤𝑒𝑒𝑘𝑠, 𝑓𝑖𝑛𝑎𝑛𝑐𝑖𝑎𝑙 𝑡𝑟𝑎𝑛𝑠𝑎𝑐𝑡𝑖𝑜𝑛𝑠 𝑜𝑓 𝑎𝑏𝑜𝑢𝑡 𝑅𝑠.24.40 𝑙𝑎𝑘ℎ𝑠 ℎ𝑎𝑣𝑒 𝑡𝑎𝑘𝑒𝑛 𝑝𝑙𝑎𝑐𝑒 𝑑𝑢𝑟𝑖𝑛𝑔 𝐽𝑢𝑙𝑦, 2021 𝑎𝑛𝑑 𝑎𝑏𝑜𝑢𝑡 𝑅𝑠. 34.50 𝑙𝑎𝑘ℎ𝑠 𝑖𝑛 𝐴𝑢𝑔𝑢𝑠𝑡 𝑡ℎ𝑟𝑜𝑢𝑔ℎ 𝑡ℎ𝑒𝑠𝑒 𝑑𝑒𝑝𝑜𝑡𝑠.
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दो जिलों, करनाल और सिरसा में पायलट के तौर पर सात डिपुओं को बैंकिंग प्रोजेक्ट के साथ जोडऩे के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से टाइअप किया गया था। बैंक द्वारा इन डिपो-होल्डरों को वित्तीय लेन-देन का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि आठ सप्ताह की अवधि में इन डिपुओं के माध्यम से जुलाई, 𝟐𝟎𝟐𝟏 के दौरान 𝟐𝟒.𝟒𝟎 लाख रुपए तथा अगस्त मास में लगभग 𝟑𝟒.𝟓𝟎 लाख रुपए का वित्तीय लेन-देन हुआ है।
𝐼𝑡 𝑖𝑠 𝑡𝑜 𝑏𝑒 𝑘𝑛𝑜𝑤𝑛 𝑡ℎ𝑎𝑡 𝑎𝑏𝑜𝑢𝑡 8 𝑤𝑒𝑒𝑘𝑠 𝑎𝑔𝑜, 𝑡ℎ𝑒 𝐻𝑎𝑟𝑦𝑎𝑛𝑎 𝐺𝑜𝑣𝑒𝑟𝑛𝑚𝑒𝑛𝑡 𝑢𝑛𝑑𝑒𝑟 𝑡ℎ𝑒 '𝐴𝑡𝑚𝑎𝑛𝑖𝑟𝑏ℎ𝑎𝑟 𝐻𝑎𝑟𝑦𝑎𝑛𝑎' 𝑐𝑎𝑚𝑝𝑎𝑖𝑔𝑛 ℎ𝑎𝑑 𝑙𝑎𝑢𝑛𝑐ℎ𝑒𝑑 𝑎 𝑝𝑖𝑙𝑜𝑡 𝑠𝑐ℎ𝑒𝑚𝑒 𝑜𝑓 𝑠𝑒𝑙𝑙𝑖𝑛𝑔 𝑡ℎ𝑒 𝐹𝑀𝐶𝐺 (𝐹𝑎𝑠𝑡-𝑀𝑜𝑣𝑖𝑛𝑔 𝐶𝑜𝑛𝑠𝑢𝑚𝑒𝑟 𝐺𝑜𝑜𝑑𝑠) 𝑝𝑟𝑜𝑑𝑢𝑐𝑡𝑠 𝑡ℎ𝑟𝑜𝑢𝑔ℎ 𝑑𝑒𝑝𝑜𝑡-ℎ𝑜𝑙𝑑𝑒𝑟𝑠 𝑎𝑡 𝑟𝑒𝑎𝑠𝑜𝑛𝑎𝑏𝑙𝑒 𝑝𝑟𝑖𝑐𝑒𝑠. 𝐼𝑡 𝑤𝑎𝑠 𝑎𝑙𝑠𝑜 𝑑𝑒𝑐𝑖𝑑𝑒𝑑 𝑡𝑜 𝑎𝑣𝑎𝑖𝑙 𝑐𝑒𝑟𝑡𝑎𝑖𝑛 𝑠𝑒𝑟𝑣𝑖𝑐𝑒𝑠 𝑜𝑓 𝑆𝐵𝐼 𝐵𝑎𝑛𝑘 𝑡ℎ𝑟𝑜𝑢𝑔ℎ 𝑠𝑒𝑣𝑒𝑛 𝑑𝑒𝑝𝑜𝑡-ℎ𝑜𝑙𝑑𝑒𝑟𝑠 𝑓𝑜𝑟 𝑤ℎ𝑖𝑐ℎ 𝑡ℎ𝑒𝑦 𝑟𝑒𝑐𝑒𝑖𝑣𝑒𝑑 𝑐𝑜𝑚𝑚𝑖𝑠𝑠𝑖𝑜𝑛.
ज्ञात रहे कि हरियाणा सरकार ने करीब 𝟖 सप्ताह पहले ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ अभियान के तहत डिपो-होल्डरों के माध्यम से ब्रांडिड एफएमसीजी कंपनियों (फास्ट-मुविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी) का सामान उचित दामों पर बिक्री करने की योजना की पायलट शुरूआत की थी। सात डिपो-होल्डरों के माध्यम से एसबीआई बैंक की कुछ सेवाओं का लाभ देने की भी शुरूआत की गई, जिसके बदले में उनको कमीशन प्राप्त हुआ।
𝐷𝑢𝑠ℎ𝑦𝑎𝑛𝑡 𝐶ℎ𝑎𝑢𝑡𝑎𝑙𝑎 𝑖𝑛𝑓𝑜𝑟𝑚𝑒𝑑 𝑡ℎ𝑎𝑡 𝑡ℎ𝑒 𝑚𝑎𝑖𝑛 𝑜𝑏𝑗𝑒𝑐𝑡𝑖𝑣𝑒 𝑜𝑓 𝑡ℎ𝑒 𝑆𝑡𝑎𝑡𝑒 𝐺𝑜𝑣𝑒𝑟𝑛𝑚𝑒𝑛𝑡 𝑖𝑠 𝑡𝑜 𝑐𝑟𝑒𝑎𝑡𝑒 𝑎𝑛 𝑒𝑐𝑜-𝑠𝑦𝑠𝑡𝑒𝑚 𝑖𝑛 𝑡ℎ𝑒 𝑠𝑡𝑎𝑡𝑒, 𝑖𝑛 𝑤ℎ𝑖𝑐ℎ 𝑡ℎ𝑒 𝑝𝑜𝑜𝑟 𝑝𝑒𝑜𝑝𝑙𝑒 𝑜𝑓 𝑡ℎ𝑒 𝑣𝑖𝑙𝑙𝑎𝑔𝑒 𝑎𝑟𝑒 𝑟𝑒𝑎𝑐ℎ𝑒𝑑 𝑡ℎ𝑟𝑜𝑢𝑔ℎ 𝑟𝑎𝑡𝑖𝑜𝑛 𝑑𝑒𝑝𝑜𝑡𝑠 𝑜𝑟 𝐹𝑎𝑖𝑟 𝑃𝑟𝑖𝑐𝑒 𝑆ℎ𝑜𝑝𝑠 (𝐹𝑃𝑆) 𝑐𝑒𝑟𝑡𝑖𝑓𝑖𝑒𝑑 𝑏𝑦 𝑚𝑢𝑙𝑡𝑖𝑛𝑎𝑡𝑖𝑜𝑛𝑎𝑙 𝐹𝑀𝐶𝐺 𝑐𝑜𝑚𝑝𝑎𝑛𝑖𝑒𝑠, 𝑠𝑒𝑙𝑓-ℎ𝑒𝑙𝑝 𝑔𝑟𝑜𝑢𝑝𝑠 𝑎𝑛𝑑 𝑜𝑡ℎ𝑒𝑟 𝑚𝑎𝑛𝑢𝑓𝑎𝑐𝑡𝑢𝑟𝑖𝑛𝑔 𝑐𝑜𝑚𝑝𝑎𝑛𝑖𝑒𝑠. 𝐸𝑠𝑠𝑒𝑛𝑡𝑖𝑎𝑙 𝑐𝑜𝑚𝑚𝑜𝑑𝑖𝑡𝑖𝑒𝑠 ℎ𝑎𝑣𝑒 𝑡𝑜 𝑏𝑒 𝑠𝑜𝑙𝑑 𝑎𝑡 𝑟𝑒𝑎𝑠𝑜𝑛𝑎𝑏𝑙𝑒 𝑟𝑎𝑡𝑒𝑠. 𝑊ℎ𝑖𝑙𝑒 𝑡ℎ𝑖𝑠 𝑠𝑐ℎ𝑒𝑚𝑒 𝑜𝑓 𝑡ℎ𝑒 𝐺𝑜𝑣𝑒𝑟𝑛𝑚𝑒𝑛𝑡 𝑤𝑖𝑙𝑙 𝑔𝑒𝑛𝑒𝑟𝑎𝑡𝑒 𝑖𝑛𝑐𝑜𝑚𝑒 𝑎𝑛𝑑 𝑒𝑚𝑝𝑙𝑜𝑦𝑚𝑒𝑛𝑡 𝑜𝑝𝑝𝑜𝑟𝑡𝑢𝑛𝑖𝑡𝑖𝑒𝑠 𝑖𝑛 𝑡ℎ𝑒 𝑆𝑡𝑎𝑡𝑒 𝑎𝑛𝑑 𝑡ℎ𝑒 𝑚𝑎𝑟𝑘𝑒𝑡𝑠 𝑖𝑛 𝑟𝑢𝑟𝑎𝑙 𝑎𝑟𝑒𝑎𝑠 𝑤𝑖𝑙𝑙 𝑎𝑙𝑠𝑜 𝑏𝑒 𝑠𝑡𝑟𝑒𝑛𝑔𝑡ℎ𝑒𝑛𝑒𝑑 𝑤𝑖𝑡ℎ 𝑡ℎ𝑖𝑠 𝑖𝑛𝑖𝑡𝑖𝑎𝑡𝑖𝑣𝑒. 𝐻𝑒 𝑖𝑛𝑓𝑜𝑟𝑚𝑒𝑑 𝑡ℎ𝑎𝑡 𝑛𝑜𝑤 𝑡ℎ𝑒 𝑆𝑡𝑎𝑡𝑒 𝐺𝑜𝑣𝑒𝑟𝑛𝑚𝑒𝑛𝑡 ℎ𝑎𝑠 𝑑𝑒𝑐𝑖𝑑𝑒𝑑 𝑡𝑜 𝑐𝑜𝑛𝑣𝑒𝑟𝑡 500 𝑑𝑒𝑝𝑜𝑡𝑠/𝑓𝑎𝑖𝑟𝑝𝑟𝑖𝑐𝑒 𝑠ℎ𝑜𝑝𝑠 𝑖𝑛𝑡𝑜 '𝐺𝑟𝑎ℎ𝑎𝑘 𝑆𝑒𝑤𝑎 𝐾𝑒𝑛𝑑𝑟𝑎’ 𝑏𝑦 𝑡ℎ𝑒 𝑒𝑛𝑑 𝑜𝑓 𝑡ℎ𝑒 𝑐𝑢𝑟𝑟𝑒𝑛𝑡 𝑓𝑖𝑛𝑎𝑛𝑐𝑖𝑎𝑙 𝑦𝑒𝑎𝑟, 𝑎𝑙𝑙 𝑡ℎ𝑒𝑠𝑒 𝑑𝑒𝑝𝑜𝑡𝑠 𝑤𝑖𝑙𝑙 𝑏𝑒 𝑙𝑖𝑛𝑘𝑒𝑑 𝑡𝑜 𝑡ℎ𝑒 𝑏𝑎𝑛𝑘𝑖𝑛𝑔 𝑠𝑒𝑐𝑡𝑜𝑟.
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में एक इको-सिस्टम बनाना है ताकि गांवों के गरीब लोगों को राशन डिपो अथवा उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के माध्यम से बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी कंपनियां, स्वयं सहायता समूह और अन्य विनिर्माण कंपनियां द्वारा प्रमाणित आवश्यक वस्तुएं वाजिब दर पर उपलब्ध करवाई जा सके। सरकार की इस योजना से जहां राज्य में आय और रोजगार के अवसर पैदा होंगे, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बाजारों को मजबूती भी मिलेगी। उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 𝟓𝟎𝟎 डिपुओं/फेयरप्राइस शॉपस को ग्राहक सेवा केंद्र में बदलने का निर्णय लिया है और इन सभी डिपुओं को बैंकिंग-सैक्टर से जोड़ा जाएगा।
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