हॉकी के सभी मैच खेलों हरियाणा में हुए पारदर्शी प्रणाली और नियमों के अनुसार, प्रदेश का पहला ऐसा राज्यस्तरीय टूर्नामेंट जहां खेलमंत्री से लेकर आलाधिकारियों ने लगातार 3 दिन प्रतियोगिता में पहुंचकर लिया व्यवस्थाओं का जायजा, खेलमंत्री ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए विजेता टीम को 2 लाख, द्वितीय 1.50 लाख और तृतीय को दी 1 लाख की इनाम राशि, खेल विभाग का अब पूरा फोकस रहेगा खेलो इंडिया गेम्स पर.
उपनिदेशिका सुनीता दलाल बुधवार को देर
सायं शाहबाद हॉकी खेल प्रांगण में पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और खेलमंत्री संदीप सिंह ने प्रदेश के युवा खिलाडिय़ों को एक
बड़ा मंच मुहैया करवाने के लिए पहली बार खेलो हरियाणा जैसी प्रतियोगिता का आयोजन
किया। इस प्रतियोगिता की सबसे बड़ी खास बात यह रही है कि खिलाडिय़ों की डाईट को 120 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए करने का काम
किया और ट्रैक सूट के लिए भी यह राशि 1
हजार रुपए तक बढ़ाने का काम किया गया।
इतना ही नहीं पुरस्कार राशि में भी इजाफा किया गया और खिलाडिय़ों के ठहरने और खाने
की उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई। इससे पहले हुए हॉकी जैसी प्रतियोगिताओं
में खिलाडिय़ों को खाने-पीने और ठहरने के लिए भी स्थान नहीं मिला था और खिलाड़ी
अपने खर्चे पर ही ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था करते नजर आए थे। इन तमाम पहलुओं
को ही जहन में रखते हुए ही खेलमंत्री संदीप सिंह के प्रयासों से ही 27 से 29 अगस्त तक हुए खेलो
हरियाणा में खिलाडिय़ों के लिए उच्चस्तरीय सुविधाएं मुहैया करवाई गई और कहीं से भी
किसी प्रकार की कोई शिकायत भी नहीं मिली।
उन्होंने एक प्रश्न का जवाब देते हुए
कहा कि शाहबाद में सभी मैच निर्धारित समयावधि के हुए और कुल 42 मैच खेले गए। इनमें
से 3-4 टीमों ने अपने खिलाडिय़ों के मनोबल को बचाए रखने के लिए मैच के
बीच में ही हार स्वीकार की और लिखित रुप में देकर निर्धारित समय से पहले ही मैच
खत्म करने की अपील की। इन टीमों द्वारा लिखित में दिए जाने के बाद नियमानुसार मैच
को निर्धारित समय से पहले समाप्त किया गया। इतना ही नहीं फतेहाबाद और हिसार के बीच
जब मैच खेला जा रहा था, तब खेल निदेशक पंकज नैन और उपायुक्त मुकुल कुमार भी मैच का
अवलोकन कर रहे थे। इस मैच में हिसार की टीम 9-0
के अंतर से आगे थी, इस दौरान फतेहाबाद ने
लिखित रुप में मैच को रोकने की अपील की थी ताकि खिलाडिय़ों का मनोबल बना रहे।
उन्होंने एक अन्य प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोगों ने हॉकी मैचों और
व्यवस्था को लेकर जो भी आरोप लगाए है,
वे सब निराधार है। यह प्रतियोगिता
खिलाडिय़ों के उज्जवल भविष्य के लिए आयोजित की गई थी। इसलिए खिलाडिय़ों को लेकर किसी
भी प्रकार की राजनीति करना ठीक नहीं है। पूरे प्रदेश में खेलो हरियाणा सुचारु रुप
से चला और बेहतरीन ढंग से सम्पन्न हुआ।
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ढाबे पर खाना खाने गया
उन्होंने कहा कि सभी खिलाडिय़ों को सुबह, दोपहर और रात्रि के समय खाने में अच्छी गुणवता की अलग-अलग डाईट उपलब्ध करवाई गई, जिसमें जूस, देशी घी की जलेबी, देशी घी का हलवा, खीर, पनीर और फल भी दिए गए। उन्होंने कहा कि हरियाणा के खेलमंत्री स्वयं एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे है और वह भी स्वयं एक अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी रही है। उन्होंने उस समय को भी देखा है जब खिलाडिय़ों के ठहरने और खाने की भी व्यवस्था नहीं होती थी। लेकिन अब खेलो हरियाणा की व्यवस्था को लेकर हर किसी ने प्रशंसा की है।
उन्होंने कहा कि अब खेल
विभाग का पूरा फोकस खेलो इंडिया पर है। इन खेलों के महाकुंभ को यादगार बनाने में
कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। हॉकी के अंपायर अनिल का कहना है कि हरियाणा में हॉकी
एसोसिएशन की तरफ से 3 दिन में 66 से ज्यादा मैचों का आयोजन किया जाता रहा है और कई बार मैच 20 मिनट से भी कम समय के
होते रहे है। इसलिए कम समय के मैचों के आयोजन को जो आरोप लगाए गए है, वह सभी निराधार है।
हॉकी कोच गुरबाज सिंह ने कहा कि 19 गेमों में सिर्फ 1
हॉकी प्रतियोगिता पर ही बेवजह उंगली
उठाना किसी न किसी राजनीति का षडयंत्र का हिस्सा नजर आ रहा है। इसलिए किसी भी
व्यक्ति और एसोसिऐशन को खिलाडिय़ों के भविष्य को देखना चाहिए ना कि खिलाडिय़ों को
लेकर कोई राजनीति करनी चाहिए।