आढ़ती व किसान नाखुश। 𝐁𝐑𝐄𝐀𝐊𝐈𝐍𝐆
रादौर NEWS। किसानों के विरोध के बाद सरकार की ओर से रविवार को धान की खरीद शुरू करने की
घोषणा की गई थी। प्रशासनिक अधिकारियों ने दोपहर डेढ़ बजे अनाज मंडी में खरीद कार्य
शुरू किया गया। लेकिन यह केवल औपचारिकता तक ही सीमित रहा। क्योंकि खरीद प्रक्रिया
में किसी भी राईस मिलर्स ने हिस्सा नहीं लिया। आढ़ती व किसान भी इससे नाखुश ही
दिखाई दिएं। उनका कहना है कि जब तक राईस मिलर्स खरीद कार्य में हिस्सा नहीं लेते
तब तक इस औपचारिकता का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा
कि अगर जल्द ही इस समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया तो वह सरकार के खिलाफ एक
बार फिर से आंदोलन छेड़ेगें।
- इन मांगो को लेकर खरीद नहीं कर रहे है राईस मिलर्स
राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान अशोक आहुजा व बंसीलाल सैनी ने बताया कि सरकार मिलर्स की मांगो को पूरा नहीं कर रही है। कई बार सरकार से बातचीत हो चुकी है लेकिन बातचीत सिरे नहीं चढ़ रही है। सरकार के पास राईस मिलर्स का पिछला बकाया है जो अभी तक उन्हें नहीं मिला है। इसके अलावा सरकार ने गांरटी को भी 𝟏𝟎 लाख से बढा़कर 𝟓𝟎 लाख कर दिया है। डैमेज को भी 𝟑 प्रतिशत से घटाकर 𝟐 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि वह 𝟓 प्रतिशत की मांग कर रहे है। वहीं चावल टुकड़ा भी उनकी एसोएिशन 𝟑𝟎 प्रतिशत करने की मांग कर रही है लेकिन सरकार ने उसे बढ़ाने की बजाए 𝟐𝟓 प्रतिशत से घटाकर 𝟐𝟎 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा भी उनकी कई मांगे है जिस पर सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिल रहा है।
- सरकार किसानों व आढ़तियों को कर रही है परेशान
आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान शिवकुमार संधाला ने
कहा कि सरकार आढ़तियों व किसानों का परेशान करने का काम कर रही है। अनाज मंडी धान
की फसल से भर चुकी है। खेतो में भी फसल तैयार है। आज खरीद को लेकर औपचारिकता की गई
है। कहीं रजिस्टे्रशन के नाम पर तो कहीं नमी के नाम पर किसानों को परेशान किया जा
रहा है। राईस मिलर्स खरीद करने नहीं आ रहे है। जब तक वह नहीं आते मंडी की समस्या
का समाधान नहीं होगा। जल्द ही सरकार ने इसको लेकर कोई प्रयास नहीं किया तो मंडियो
के हालत बिगड़ जाएंगें। जिससे किसानों व आढ़तियों दोनों को नुकसान होगा।
- जयसिंह, सचिव मार्किट कमेटी रादौर
प्रशासन की ओर से खरीद प्रक्रिया को शुरू कर दिया
गया है। पहले दिन वेयरहाऊस की ओर से खरीद की गई है। सरकार की हिदायतों के अनुसार
खरीद की जाएंगी। उठान व अन्य व्यवस्थाओं की जिमेंवारी खरीद एजेंसी की है। प्रयास
किया जाएंगा कि इसमें किसी प्रकार की परेशानी किसानों व आढ़तियों को न हो।
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