कंवरपाल गुर्जर। 𝐁𝐑𝐄𝐀𝐊𝐈𝐍𝐆
पंचकूला news। हरियाणा के वन, पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर
ने कहा कि हरियाणा की गौशालायें प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित
हो सकती हैं। वे पिंजौर की श्री कामधेनू गौशाला सेवा सदन में हरियाणा गौ सेवा आयोग
के तकनीकी मार्गदर्शन में स्थापित गोवंश अनुसंधान केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे
थे।
इस अवसर पर उनके
साथ हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग, हरियाणा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी.
एस. तंवर आई.एफ.एस. मौजूद रहे। हरियाणा गौ सेवा आयोग के सचिव डॉ चिरंतन कादयान, वन संरक्षक निवेदिता, गोवंश अनुसंधान केंद्र के ट्रस्टी नवराज
धीर विशेष रूप से इस अवसर पर उपस्थित थे।
वन, पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि गौशालाओं में गाय के गोबर से बन रही खाद खेती के लिए उत्तम किस्म की खाद साबित हो सकती है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि गाय के गोबर आधारित खाद कृषि भूमि में प्रयोग करें। एक तरह से तो इस प्रकार की खाद रसायनिक खाद से गुणवत्ता में ज्यादा बढ़िया होती है, वहीं दूसरी तरफ रासायनिक खाद से काफी सस्ती भी होती है। इस प्रकार की खाद निसंदेह किसानों की आय बढ़ाने में सहायक साबित होगी। इसके साथ-साथ प्रदेश की गौशालाओं में आमदनी होगी तो गौशाला भी आत्मनिर्भर होंगी। प्रदेश के मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने गाय के गोबर से बने गोमय गमलों में अपनी विशेष रूचि दिखाते हुए मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि दस हजार गमले गौशाला से खरीद कर प्रयोग करें।
उन्होंने कहा कि प्रयोग सफल होने पर कम से कम एक करोड़ गमले वन विभाग हरियाणा गौ सेवा आयोग से पंजीकृत प्रदेश की गौशालाओं से खरीद सकते हैं। कहा कि विभाग में प्रयोग की वस्तुएं जैसे खाद, फिनायल, हैंडवाश, आदि भी प्रदेश की पंजीकृत गौशालाओं से खरीदी जाएंगी।
उन्होंने मौके पर ही गौशाला में बन रहे कई उत्पादों को विभाग द्वारा खरीदे जाने के बारे में कहा। उन्होंने वन विभाग में इस वर्ष गोमय दीपावली मनाने हेतु गाय के गोबर से बने दीपकों को खरीदने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए। गुर्जर ने हरियाणा गौ सेवा आयोग के प्रयासों की जमकर प्रशंसा की और कहा कि हरियाणा गौ सेवा आयोग निरंतर गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में प्रयास कर रहा है। गौमाता के कल्याण हेतु जितने प्रयास किए जाएं प्रशंसनीय है। गाय माता की सेवा राष्ट्र माता की सेवा के समान है।
इससे पूर्व हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने अपने उद्बोधन में मंत्री महोदय के सम्मुख वन विभाग में प्रयोग होने वाले उत्पादों को प्रयोग हेतु खरीदने का निवेदन किया। जिसे मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने तुरंत मान लिया। चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि गौशालाओं में बन रहे उत्पाद प्रयोग करने से प्रदेश की गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने में सहायता मिलेगी और प्रदेश में बेसहारा गोवंश की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। आज प्रदेश की गौशालाओं के सामने गोबर के निस्तारीकरण की काफी बड़ी समस्या है। गौशालाओं में बनने वाली खाद, गमले आदि से काफी मात्रा में इस तरह की समस्या से निजात पाई जा सकती है। वहीं इससे गौशालाओं में आमदनी बढ़ाने का कार्य भी होगा।
इस अवसर पर
हरियाणा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी. एस. तंवर आई.एफ.एस ने कहा कि हम हरियाणा
गौ सेवा आयोग से एक अनुबंध हस्ताक्षरित करेंगे, जिसमें हमारे विभाग में प्रयोग होने वाले उत्पाद हरियाणा गौ
सेवा आयोग से पंजीकृत गौशालायें बनाती है, विभाग उनसे खरीदी का काम करेगा। इस मौके पर आयोग के तकनीकी
सलाहकार सुधीर राणा, आयोग में पशु चिकित्सक अश्वनी कुमार, गौशाला प्रबंधक समिति के प्रधान नरेश
अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल, भारत भूषण बंसल, रोहित सिंगला, सौरभ गर्ग, कश्मीरी लाल व अन्य पदाधिकारी और गौ भक्त मौजूद रहे।
कार्यक्रम से पूर्व मंत्री कंवरपाल गुर्जर के गौवंश अनुसंधान केंद्र में पहुंचने पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग, सचिव डॉ चिरंतन कादयान, केंद्र के ट्रस्टी नवराज धीर और गौशाला प्रतिनिधियों ने पुष्पगुच्छ भेंट करके स्वागत किया। मंत्री ने गौशाला पहुंचकर सबसे पहले गाय माता को हरा चारा व गुड़ अपने हाथों से खिलाया। कार्यक्रम के अंत में हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा एक स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट की गई। श्री गौशाला समिति द्वारा गो उत्पाद मंत्री कंवरपाल गुर्जर को भेंट किए।
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