अशोका इडिक्ट पार्क
आठ सौ साल पहले जिस अशोक स्तंभ को फिरोजशाह तुगलक यमुनानगर से उठाकर दिल्ली ले गया था.
आज फिर बनकर तैयार हो गया है.
लेकिन इसमें एक खास बात है.
अशोक चक्र देश का सबसे बड़ा चक्र है.
इसे 12 कारीगरों ने छह महीने में तैयार किया और कई लाख लागत भी आई.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कर रही है प्रयास
गांव टोपराकलां में देश के सबसे ऊंचे 𝟑𝟎 फुट के अशोक चक्र को स्थापित किया गया है। जिसका अपना ऐतिहासिक महत्व है। कुछ दिन पहले लाखों की लागत से अशोक चक्र पर छत्रावली भी स्थापित की गई थी। अशोक चक्र को गांव में बनाएं गएं अशोका इडिक्ट पार्क में स्थापित किया गया है। जिसके लिए पंचायत की 𝟐𝟕 एकड़ भूमि का अधिग्रहण सरकार की ओर से किया गया है। जबकि फिलहाल 𝟓 एकड़ में यह पार्क बनकर तैयार हुआ है। इस पर सरकार की ओर से करीब 𝟐 करोड़ व पंचायत की ओर से करीब 𝟑𝟎 लाख रूपएं की राशि खर्च की जा चुकी है। सरकार का प्रयास है कि गांव को पर्यटन क्षेत्र के तौर पर बढ़ावा दिया जाएं। जिसके लिए अभी और भी कार्य यहां पर होने है। जिसके लिए एक समिति का गठन भी होगा। लेकिन पार्क की हालत अभी से खस्ताहाल होनी शुरू हो गई है।
मनीश कुमार, निवर्तमान सरपंच
फरवरी में पंचायत का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब ग्राम सचिव ही गांव के कार्यो की देखरेख कर रहे है। पार्क की साफ सफाई को लेकर उन्होंने सचिव को जानकारी दे दी थी लेकिन अभी तक यहां पर साफ सफाई करवाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो पाई।
राजकुमार, पंचायत सचिवसफाई के लिए गांव के सफाई कर्मियों को निर्देश दिएं जाएंगें। सरपंच से संपर्क कर और अधिक कर्मचारियों की व्यवस्था कर यहां पर जल्द से जल्द सफाई करवा दी जाएंगी।
बौद्ध दर्शनशास्त्र के अनुसार धर्म चक्र की 𝟐𝟒 तिल्लियों में 𝟏𝟐 मन को काबू में करने का प्रतिनिधित्व करती हैं। 𝟏𝟐 कर्म और आचार व्यवहार को दर्शाती हैं। यह अध्यात्म और त्याग का संदेश देती हैं। इसे नार्थ-साउथ मेग्नेटिक फील्ड ग्रेविटी के हिसाब से रखा गया है।
बौद्ध दर्शनशास्त्र के अनुसार धर्म चक्र की 𝟐𝟒 तिल्लियों में 𝟏𝟐 मन को काबू में करने का प्रतिनिधित्व करती हैं। 𝟏𝟐 कर्म और आचार व्यवहार को दर्शाती हैं। यह अध्यात्म और त्याग का संदेश देती हैं। इसे नार्थ-साउथ मेग्नेटिक फील्ड ग्रेविटी के हिसाब से रखा गया है।
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