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Kurukshetra- हरियाणा का सिग्नेचर फैस्टिवल बन चुका है अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव : दीपिका

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में एनजैडसीसी की तरफ से विदेशी कलाकारों को भी आमंत्रित करने की योजना,-उत्तर क्षेत्र के राज्यों में छिपी प्रतिभाओं को तलाशने के लिये एनजैडसीसी पंहुचेगा राज्यों के आंतरिक क्षेत्रों में, एनजैडसीसी की तरफ से कलाकारों को मंच देने के लिये खर्च किया जाता है सालाना करीब 8 करोड़ रुपये का बजट, एनजैडसीसी की निदेशिका दीपिका पोखरान ने किया महोत्सव का अवलोकन



कुरुक्षेत्र
News।  उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला (एनजैडसीसी) की निदेशिका दीपिका पोखरान (भारतीय टेलिफोन सेवाएं) ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव हरियाणा का सिग्नेचर फैस्टिवल बन चुका है। इस फैस्टिवल में देश के शिल्प कला के साथ-साथ विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति को संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा है। यह फैस्टिवल हरियाणा का सबसे बड़ा फैस्टिवल है और इस फैस्टिवल को पूरी दुनिया में एक पहचान मिली है। इसका पूरा श्रेय सरकार को जाता है। अहम पहलू यह है कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आने वाले समय में एनजैडसीसी की तरफ से विदेशी कलाकारों को आमंत्रित करने की योजना पर कार्य किया जायेगा। इससे महोत्सव का स्वरूप और बड़ा होगा।

भारत संस्कृति मंत्रालय की परफोर्मिंग आर्ट की निदेशिका एवं एनजैडसीसी की निदेशिक दीपिका पोखरान ने पहली बार रविवार को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का अवलोकन किया और विभिन्न राज्यों से कलाकारों से बातचीत भी की। निदेशिका ने विशेष बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कलाकारों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। इस महामारी के बाद हरियाणा में यह पहला सबसे बड़ा फैस्टिवल हो रहा है और इस फैस्टिवल ने लोक कलाकारों को एक नया जीवनदान देने का काम किया है। इस मंच के माध्यम से कलाकारों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। इसके साथ ही कलाकारों को पर्यटकों की वाहवाही मिलने से उनका उत्साह भी बढ़ेगा। इससे उनकी कला में सुधार आने के साथ-साथ उनकी मानसिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से कोरोना काल में भी कलाकारों को रोजगार देने के अथक प्रयास किये गये। इस संस्थान की तरफ से अधिकारी, कर्मचारी कलाकारों के घर पंहुचे। घर से कार्यक्रमों को रिकॉर्ड किया और ऑनलाईन के माध्यम से लोगों तक कार्यक्रमों को पंहुचाने का काम किया गया। सरकार का प्रयास था कि कलाकारों की कोरोना काल में आर्थिक सहायता की जाये।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से देश के सात जोनो के कलाकारों को कार्यक्रम देने के लिये करीब 150 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाता है और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला की तरफ से कलाकारों को कार्यक्रमों के लिये करीब 8 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाती है। इस क्षेत्र के जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ सहित अन्य सम्बन्धित प्रदेशों के कलाकारों को एनजैडसीसी की तरफ से लगातार मंच मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से अब प्रदेशों के आंतरिक हिस्सों में छिपी प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने की योजना पर कार्य शुरू किया है। इस योजना के तहत अभी हाल ही में लद्दाख के जीरो बॉर्डर टोटूक में पांच दिन का कार्यक्रम किया गया और इस कार्यक्रम में लद्दाख के लोगों ने पहली बार कलाकारों की लाईव परफोरमेंस को देखा, यह एक अदभूत दृश्य था, जब लददाख के लोग हैरत के साथ इन कार्यक्रमों को देखकर आनन्दित हो रहे थे। विभाग गुरू-शिष्य परम्परा को जीवंत रखने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से आने वाले समय में उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र के आंतरिक हिस्सों तथा जम्मू कश्मीर के आंतरिक हिस्सों में जाकर छिपी प्रतिभाओं को मंच देने का प्रयास करेंगे। सरकार का प्रयास है कि लोक कला और संस्कृति को हमेशा जिंदा रखा जाये, यह तभी संभव होगा जब हमारी लोक संस्कृति, लोक कलाएं इन कलाकारों के माध्यम से जीवंत रहेंगी। इस मौके पर कमलेश शर्मा, जगजीत सिंह, राधे श्याम, राजेश बसी, जरनैल सिंह, महेन्द्र सिंह आदि अधिकारी उपस्थित थे।

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