महिला आयोग के सामने अनोखा केस
गुरुग्राम
से जुड़े इस मामले में एक युवती ने एक साल के अंदर 7 अलग-अलग लोगों पर रेप के मामले दर्ज कराए हैं। इस मामले का संज्ञान
लेते हुए हरियाणा राज्य महिला आयोग ने प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि इन
केसों की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई जाए। आयोग ने इस मामले को अनोखा केस मानते हुए यह निर्देश दिए।
पंचकूला सेक्टर 4 में हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज दलाल ने आज जानकारी देते हुए बताया कि आयोग को विभिन्न सोशल मीडिया अखबारों टि्वटर आदि (जिनका शीर्षक इस प्रकार है “(i) धरी गई 20 वर्षीय वसूली गर्ल, (ii) प्रेम जाल में फांसकर बनाती थी शारीरिक संबंध, और फिर, (iii) आठ लोगों पर दुष्कर्म का केस कराने वाली युवती गिरफ्तार, पकड़ी गई दगाबाज दुल्हन)के माध्यम से अवगत कराया गया कि एक 20 वर्षीय महिला द्वारा गुड़गांव जिले में पिछले 1 वर्ष में सात (7) अलग अलग पुरुषों द्वारा सात अलग अलग बलात्कार व् यौन उत्पीडन की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत सात (7) प्राथमिकी (FIR) गुड़गांव के सात विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज कराई गई है।
उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर विषय होने के साथ-साथ इसमें कानून का दुरुपयोग होने की भी संभावना जताई जा रही है।
उन्होंने कहा कि आयोग का मानना है की महिला सुरक्षा आयोग के लिए सर्वोपरि है और एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में आयोग हरियाणा में महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, कानूनी और संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करता है और उनका समर्थन करता है।
आयोग का ऐसा भी मानना है कि कानून हर व्यक्ति की सुरक्षा के लिए भी बनाए गए हैं, बिना किसी लिंग भेद के।
ऐसे कुछ मामले आयोग के समक्ष आए है जिसमे महिलाओं द्वारा कानून का कहीं ना कहीं गलत प्रयोग किया जा रहा है।
जैसा कि कहा जाता है कि कानून वो दो धारी तलवार है जो कि सभी के अधिकारों के संरक्षण के लिए बनाए जाते हैं, तो कई बार इन्ही कानूनों का दुसरे पक्ष/विरोधियों (कभी कभी पुरुषों) की स्वतंत्रता व अधिकारों का गला घोंटने के लिए, दुरुपयोग भी किया जा सकता है।
आयोग में आए कुछ मामलों में सेक्सपिनेज, जबरन वसूली, फीमेल फेटल- हनी ट्रैपिंग जैसी शिकायतें प्राप्त हुई है।
यह मामला भी उपरोक्त प्रकार का हो सकता है और आयोग में पुलिस विभाग द्वारा तत्काल कार्रवाई और ध्यान देने की आवश्यकता जताई है।
प्रीति भारद्वाज दलाल द्वारा इस गंभीर मामले को अनिल विज, गृह मंत्री के संज्ञान में लाते हुए विस्तृत रूप से अवगत करवाया व इस मामले पर SIT कमेटी गठित करने बारे में सिफारिश पत्र पेश किया था।
जिसके सन्दर्भ में गृह मंत्री ने पुलिस महानिदेशक, हरियाणा पी.के अग्रवाल को इस मामले में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन करने बारे सख्त दिशा निर्देश दिए गए।
गृहमंत्री अनिल विज के निर्देशों की अनुपालना में पुलिस महानिदेशक हरियाणा द्वारा विशेष (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) जांच कमेटी का गठन किया गया।
पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम दिए निर्देशानुसार SIT टीम गठित हुई, जिसमे- आस्था मोदी, आई पी एस- SIT हेड, ए.सी.पी, एक महिला इंस्पेक्टर व गैर सरकारी संस्थानों (NGOs) के दो सदस्य शामिल किए गए।
आयोग ने अपने दिए गए पत्र में भी यह शंका जताई थी कि“....जिसमे महिलाओं द्वारा कानून का कहीं ना कहीं गलत प्रयोग किया जा रहा हैI जैसा की कहा जाता है कि कानून वो दो धारी तलवार है जो की सभी के अधिकारों के संरक्षण के लिए बनाए जाते हैं, तो कई बार इन्ही कानूनों का दुसरे पक्ष/विरोधियों (कभी कभी पुरुषों) की स्वतंत्रता व अधिकारों का गला घोंटने के लिए, दुरुपयोग भी किया जा सकता है।
हरियाणा राज्य महिला आयोग के दिशा निर्देश में गठित SIT कमेटी की कार्यवाही अनुसार पुलिस द्वारा आरोपी महिला को गिरफतार कर लिया गया।
हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, प्रीति भारद्वाज दलाल ने पुरजोर सिफारिश करते हुए कहा की आरोपी महिला के खिलाफ सख्त्त से सख्त्त क़ानूनी कार्यवाही की जाए व भविष्य में किसी भी महिला द्वारा दो या दो से अधिक ऐसे मामलों में एफ.आई.आर दर्ज करवाई जाए तो उन मामलों की भी विशेष तौर पर कार्यवाही की जाए।
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