ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह
हाइलाइट्स
- वर्ष 2022-23 तक प्रदेश में 50 हजार सोलर टयूबवेल कनेक्शन देने का लक्षय-चौधरी रणजीत सिंह
- ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए विभिन्न श्रेणीयों के उपभोक्ताओं को पुरस्कार देकर किया सम्मानित
- ऊर्जा विकास की धुरी है और हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत और बेहतर विकास के लिए अपने प्राकृतिक संसाधनों का विेवेकपूर्ण और बुद्धिमानी से करना होगा उपयोग
रणजीत सिंह आज पंचकूला के सेक्टर 1 स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में नवीन एवं नवीकरीण ऊर्जा विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए उद्योगों, भवन मालिकों तथा शैक्षणिक संस्थाओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम में उन्होंने ‘‘बैस्ट प्रैक्टिस ऑन एनर्जी कंजर्वेशन फॉर होस्पिटल्स’’ नामक हैंडबुक का विमोचन भी किया।
चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि ऊर्जा विकास की धुरी है और हमें अपनी
आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत और बेहतर विकास के लिए अपने प्राकृतिक संसाधनों का
विेवेकपूर्ण और बुद्धिमानी से उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर
लाल के नेतृत्व में ऊर्जा विभाग और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग ने बिजली और
अक्ष्य उजा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग
सात सालों में बिजली चोरी के मामलों में भारी कमी आई है और वित्त वर्ष 2021-22 में
लाईन लॉसिज 14
प्रतिशत से भी कम रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत की वित्त मंत्री
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण उपकरणों के प्रयोग के लिए
हरियाणा की प्रशंसा की है तथा कहा है कि अन्य प्रदेशों को भी ऊर्जा संरक्षण की
दिशा में हरियाणा के माडल का अध्ययन करना चाहिए।
उन्होने कहा कि आने वाले समय में गुरूग्राम, फरीदाबाद, पलवल तथा सोनीपत उत्तर भारत
का सबसे बड़ा ओद्यौगिक हब बनने जा रहे हैं और इसमें विद्युत क्षेत्र का महत्वपूर्ण
योगदान है। उन्होंने कहा कि आज के समय में सूचना प्रोद्यौगिकी में ऊर्जा के प्रयोग
से विकास की गति में और तेज आई है। आज उद्यौगों, भवनों,
शैक्षणिक
संस्थाओं के साथ-साथ गांवों में भी अक्षय ऊर्जा के प्रयोग के प्रति लोगों में काफी
जागरूकता आयी है ।
इस अवसर पर चौधरी रणजीत सिंह ने राज्य में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2005 और ऊर्जा दक्षता के
प्रयासों को मान्यता देने के लिए विभिन्न श्रेणियों के ऊर्जा उपभोक्ताओं को
पुरस्कार देरक सम्मानित किया। विजेताओं को शील्ड, प्रमाण पत्र और 50 हजार से 2 लाख रूपए तक के नकद
पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। 1.0
मेगावाट से अधिक के उद्योगों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार एम/एस होंडा मोटरसाइकिल
एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड गुरूग्राम को दिया गया जबकि 1.0 मेगावाट से कम के उद्योगों
की श्रेणी में एम/एस कैरिज एंड वैगन वर्कशॉप, उत्तर रेलवे, पंचकूला ने प्रथम पुरस्कार
हासिल किया।
इसी प्रकार 500
किलोवाट से कम के सरकारी भवनों की श्रेणी में उत्तर रेलवे के अतिरिक्त मंडलीय
अस्पताल जगाधरी कार्यशाला यमुनानगर और 500
किलोवाट से अधिक के सरकारी भवनों की श्रेणी में आरएनडी सेंटर इंडियन ऑयल
कार्पोरेशन फरीदाबाद को प्रथम पुस्कार से सम्मानित किया गया। संस्थानों और संगठनों
और सोसायटी की श्रेणी में मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज, नूंह को प्रथम पुरस्कार दिया गया जबकि
दूसरा पुरस्कार पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज,
सेक्टर
-1, पंचकुला और अग्रवाल कॉलेज, बल्लभगढ को दिया गया।
एमएसएमई की श्रेणी में 100
किलोवाट या उससे अधिक और 500
किलोवाट से कम श्रेणी में एम/एस अभी ऑटोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड मानेसर को और 1 मेगावाट से ऊपर की श्रेणी
में एम/एस पॉली प्लास्टिक इंडस्ट्रीज (आई) प्रा. लिमिटेड, यमुनानगर को पुरस्कृत किया
गया।
इससे पूर्व समारोह की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा के विद्युत तथा
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. एन. रॉय ने कहा कि
विभाग ने राज्य में अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्रों में अनेक योजनाएं
शुरू की हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में 100
किलोवाट से अधिक क्षमता के व्यावसायिक भवनों के लिए ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता
अनिवार्य कर दी गई है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में बिजली संरक्षण के लिए
राज्य सरकार ने किसानों को पारंपरिक पंपों की दर से फाइव स्टार रेटेड कृषि पंप सेट
उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है ताकि उन्हें अतिरिक्त लागत वहन न करनी पड़े.।
मुख्य अतिथि व अन्य प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए नवीन एवं
नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के महानिदेशक डा. हनीफ कुरैशी ने बताया कि राज्य में ऊर्जा
संरक्षण अधिनियम 2005 को
लागू करने के लिए हरेडा को नोडल एजंसी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में
ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के लिए किए गए प्रयासों को मान्यता देने के लिए हर
वर्ष विभिन्न श्रेणियों के ऊर्जा उपभोक्ताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता
है ताकि वे इस दिशा में और बेहतर कार्य करें।
इस अवसर पर पंचकूला के अतिरिक्त उपायुक्त आयूष सिन्हां, हरेडा के अधिकारी व
कर्मचारी और विभिन्न श्रेणियों के पुरस्कार विजेता उपस्थित थे।
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