बगैर मास्क के बच्चों को नहीं दिया जाएगा स्कूल में घुसने
सोशल डिस्टेंस व सेनीटाइजर कर स्कूल को किया गया है तैयार
स्कूल स्टाफ उत्साहित, कोविड के दौरान स्कूली बच्चों को हुआ है नुकसान
ऑनलाइन क्लास से नही हो पाया फायदा, छोटे बच्चों को ऑनलाइन समझना मुश्किल
रोहतक | NEWS - लगभग 1 महीना 15 दिन बाद छोटे बच्चों के स्कूल खोलने के सरकार ने निर्देश दे दिए हैं। काफी कयासों के बाद 10 फरवरी से नन्हे नौनिहालों की स्कूलों में चहल - पहल देखने को मिलेगी, जिसको लेकर अध्यापक काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। जहाँ अध्यापकों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई से छोटे बच्चों को ज्यादा कुछ फायदा नही हुआ लेकिन अबकी बार तीसरी लहर आने से पहले ही अध्यापकों ने सिलेबस लगभग पूरा करवा दिया था। अध्यपको को कहना है कोविड नियमो का पूरी तरह से पालन किया जाएगा, हैंड सेनेटाइजर, मुह पर मास्क ओर पानी की बोतल अपनी अपनी लेकर आना अनिवार्य रहेगी।
हरियाणा में पहली से नोवी कक्षा तक के स्कूल कल फिर से खुल रहे है। इन छात्रों की कक्षाएं प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक आयोजित की जाएंगी। इससे पहले दसवीं कक्षा तक के छात्रों के स्कूल पहले से ही खुल चुके हैं। बता दें कि हरियाणा में कोरोना महामारी के बाद स्कूल-कॉलेज बंद थे, जिनको सरकार एक-एक करके खोल रही है। अगर छात्र ऑनलाइन क्लास चाहेंगे तो यह क्लास भी उनके लिए जारी रखी जाएंगी। स्कूल फिर से खोलने के दौरान कोविड-19 से संबंधित सभी ऐहतियातों जैसे छात्र के बीच फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क, पानी की बोतल और तापमान की जांच करने का पालन किया जाएगा। वही स्कूल के अध्यापकों का कहना है कि वह काफी उत्साहित है क्योंकि बगैर बच्चों के उनका समय व्यतीत नहीं हो रहा है। वह बार-बार भगवान से प्रार्थना करते हैं कि इस महामारी से निजात मिले ताकि वह बच्चों को पढ़ा सके।
वही अध्यापिका नीरज कुमारी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने उन्हें कल से स्कूल खोलने के निर्देश दिए हैं जिसको लेकर वह पूरी तरह से तैयार है और स्कूल को पूरी तरह से सैनिटाइज करवा दिया गया है। हालांकि बच्चों को बैठने के लिए सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखा गया है। वह सभी बच्चों के अभिभावकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जो भी बच्चा स्कूल में प्रवेश करेगा उसके लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। बगैर मास के किसी भी बच्चे को स्कूल में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा । उनका कहना है कि कोविड-19 दौरान बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ी है क्योंकि उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई है। ऑनलाइन से बच्चे अच्छी तरह नहीं पढ़ पाए हैं और खासी परेशानी प्राइमरी स्कूल के बच्चों को हुई है।