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Panchkula- यूक्रेन से लौटी पंचकूला की रहने वाली आंचल, 9 घंटे लाइन में खड़े होकर पहुंची भारत

𝐏𝐀𝐍𝐂𝐇𝐊𝐔𝐋𝐀  𝐊𝐈  𝐁𝐄𝐓𝐈  𝐀𝐍𝐂𝐇𝐀𝐋  𝐔𝐊𝐑𝐀𝐈𝐍𝐄  𝐒𝐄 𝐋𝐀𝐔𝐓𝐈  𝐆𝐇𝐀𝐑


पंचकूला / 𝐂𝐢𝐭𝐲 𝐋𝐢𝐟𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚. 𝐂𝐨𝐦

बीते 12 दिन  से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है जिसकी वजह से वहां मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारत के हजारों बच्चे फंसे हुए हैं और अपने देश लौटने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं

पंचकूला के सेक्टर- 4 की रहने वाली आंचल रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के दौरान कई दिनों तक वहां फंसी रही और जान का जोखिम उठाकर केंद्र सरकार की मदद से पंचकूला की आंचल आज अपने घर से कुशल पहुंची। यूक्रेन से पंचकूला पहुंचने पर छात्रा का उनके परिवार द्वारा जोरदार स्वागत किया गया और अपनी बेटी को देखकर परिवार के सदस्यों के चेहरे खिल गए। यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गयी छात्रा आंचल ने यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के दौरान किस प्रकार से बंकरो में रह कर अपनी जान बचाई और किन - किन परेशानियों का सामना करते हुए आज वह भारत लौटी है।  

आंचल ने आपबीती सुनाई.. 


जब हमने लैंड किया, तब जाकर सांस में सांस आई कि खतरा टल गया। लेकिन मेरे जो दोस्त और अन्य भारतीय अब भी यूक्रेन खास तौर से खारकीव में फंसे हुए हैं, उनके लिए चिंता है और सरकार से अपील है कि उन सभी को सुरक्षित घर वापस लाया जाए। यह कहना पंचकूला के सेक्टर- 4 की रहने वाली आंचल का, जो युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को लेकर आए विशेष विमान से उड़ान भरकर अपने घर पहुंची।   


पंचकूला के सेक्टर
- 4 की रहने वाली आंचल यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गई हुई थी और जुलाई में इसकी पढ़ाई खत्म होने वाली थी लेकिन उससे पहले ही यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू हो गया जिसके कारण कई दिनों तक बंकरो में छुप कर अपनी जान बचाते हुए आज आंचल अपने परिवार को मिल पाई है। केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन गंगा के तहत आंचल को दिल्ली लाया गया और वहां से उसका परिवार उसे पंचकूला लेकर आया। आंचल ने बताया कि वह यूक्रेन की राजधानी की कीव में थी और जब वह सरकार द्वारा एडवाइजरी मिली तो वह रेलवे स्टेशन पहुंची उसने बताया कि कई घंटों की मशक्कत के बाद कीव से लवीव सिटी तक पहुंची। सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी और सोशल मीडिया के माध्यम से आगे का सफर तय किया और उसने हंगरी के बॉर्डर से जाना सही समझा। उसने बताया कि युद्ध के दौरान बंकरो में छुपकर रहना पड़ा और उनके कई दोस्त अभी भी वहां फंसे हुए हैं उसने कहा कि वह केंद्र सरकार से अपील करती है कि उनके यूक्रेन में फंसे हुए अन्य दोस्तों को भी लाने के लिए जल्दी करें। 

दिल्ली हवाई अड्डे पर भावनाओं का उफान देखने को मिला जब यूक्रेन से लौटे अपने बच्चों को देखकर उनके प्रतीक्षारत माता-पिता की चिंता खुशी में बदल गई और वे अपने बच्चों को सीने से लगाकर भावुक हो उठे। यूक्रेन में फंसे लोगों को लेकर दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंची उड़ान। यूक्रेन से लौटे अपने बच्चों को पाकर माता-पिता ने उनका स्वागत फूलों, कार्ड और गर्मजोशी से गले लगाकर किया। हालांकि, दूसरी तरफ दर्जनों ऐसे भी माता-पिता हैं जिनके बच्चे अब भी युद्धग्रस्त देश में फंसे हुए हैं। सायरन बजते ही बंकर में छिपने को मजबूर इन भारतीय बच्चों के माता-पिता की आंखों से नींद गायब है।


छात्रा आंचल के पिता ने बताया कि जब उन्हें सूचना मिली कि यूक्रेन और रूस के बीच में युद्ध शुरू हो गया है तो घर में सब डरे हुए थे और जब तक उनकी बेटी का जहाज दिल्ली नहीं उतरी तब तक उन्हें चिंता सता रही थी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए प्रयास की सराहना करते हैं।



हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए दी. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सभी विद्यार्थियों को टेबलेट उपलब्ध करवाने के लिए लगभग 620 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे ताकि 10वीं से 12 वीं का कोई भी विद्यार्थी इस सुविधा से वंचित ना रह सके..
 हरियाणा सरकार द्वारा सुशासन के तहत एक और नई पहल करते हुए आस-ऑटो अपील सॉफ्टवेयर शुरू किया है जिसके अंतर्गत सेवा के अधिकार में सरकारी सेवाओं की समयबद्धता अनुरूप कार्य करने के लिए बाध्यता सुनिश्चित की गई है. आमजन को राइट टू सर्विस एक्ट की जानकारी भी प्रभावी रूप से दी जा रही है और लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है..
















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