Type Here to Get Search Results !

ad

ADD


 

Karnal- यूएचबीवीएन के जेई सुखविन्द्र सिंह निलम्बित

कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने यूएचबीवीएन के जेई सुखविन्द्र सिंह को उपभोक्ता से बदसलूकी करने और नाजायज तरीके से जुर्माना लगाने के आरोप में किया निलम्बित..



करनाल।। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बुधवार को स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में प्रस्तुत परिवादों का निपटारा करते हुए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के जूनियर इंजीनियर सुखविन्द्र सिंह को, एक उपभोक्ता के साथ अभद्र व्यवहार करने, धमकी देने और बदनियति से जुर्माना लगाने के दोष में निलंबित करने के आदेश दिए।

मामले के अनुसार यूएचबीवीएन कार्यालय निसिंग में कार्यरत जेई सुखविन्द्र सिंह ने ओंगद गांव निवासी परिवादी जय भगवान के पुत्र विनोद से बिजली कनैक्शन मुहैया करवाने के लिए 5 हजार रूपये की मांग की थी। परिवादी के रूपये न देने पर उसे धमकाया गया, यही नहीं उसके बिजली खाता में 48 हजार 278 रूपये की जुर्माना राशि भी दर्शा दी। जैसे ही इस मामले पर सुनवाई हुई, बैठक में मौजूद सभी गैर-सरकारी सदस्यों ने एक सुर में जेई को भ्रष्ट बताकर उसे खिलाफ कार्रवाई करने की आवाज उठाई। परिणाम स्वरूप समिति के अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री ने जेई को निलंबित करने का फरमान सुना दिया।

कष्ट निवारण समिति की बैठक में प्रस्तुत कार्यसूची में 13 परिवाद शामिल थे, इनमें 3 पुलिस विभाग से सम्बंधित थे, 2 उत्तर हरियाणा बिजली विरतण निगम, 2 नगर निगम करनाल, 1 जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, 1 जिला समाज कल्याण अधिकारी, 1 जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक तथा 3 मामले क्रमश: करनाल, कुंजपुरा व घरौंडा के खण्ड़ विकास एवं पंचायत अधिकारियों से सम्बंधित थे... इनमें से 4 में परिवादी या शिकायतकर्ता हाजिर ही नहीं हुए, शेष 9 परिवादों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। समिति के उपाध्यक्ष एवं उपायुक्त अनीश यादव, जिला पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया, नगर निगम आयुक्त नरेश नरवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष योगेन्द्र राणा तथा महापौर रेनू बाला गुप्ता भी बैठक में मौजूद थे। उपायुक्त ने बैठक के अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री कंवर पाल का जिला प्रशासन की ओर से स्वागत किया।

एजेण्डा के अनुसार पुलिस विभागसे सम्बंधित एक मामले में जलमाना निवासी बाला देवी की ओर से असंध के डेरा जलमाना निवासी हरपाल सिंह के खिलाफ शिकायत की गई थी कि उसने परिवादी के पुत्र को भी विदेश भेजने के नाम पर 3 लाख रूपये लिए थे, 10 लाख रूपये बाद में देने बारे तय हुआ था... प्रार्थी के अनुसार 3 लाख रूपये नकद देने के बाद काम न होने पर पैसे वापिस मांगने पर हरपाल सिंह टाल-मटोल करता रहा। उसने प्रार्थी व शिकायकर्ता को एक चैक दिया, जो बैंक में बाउंस हो गया। इसके बाद यह मामला पुलिस कार्यालय में पहुंच गया, जिसकी जांच हुई। जांच अधिकारी ने बैठक में रिपोर्ट देते कहा कि उसने दोनो पक्षों के बीच पंचायत करवाकर समझौता करवा दिया है और प्रार्थी अब किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं चाहती और संतुष्ट है।

पुलिस विभाग से सम्बंधित एक अन्य मामले में इन्द्री तहसील के शाहपुर निवासी अरूण की ओर से शिकायत की गई थी कि बीती 31 जनवरी को पवन इत्यादि ने उसके पिता के साथ मार पीट करके गम्भीर चोटें पहुँचाई... इस परिवाद में प्रार्थी ने आरोप लगाया था कि पुलिस की ओर से दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने की बजाए, प्रार्थी के पिता पर ही विभिन्न धाराओं में झूठा मुकदमा इन्द्री थाने में दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। मामले में प्रार्थी ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाईकी मांग की थी। इस परिवाद पर बैठक में मौजूद पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि प्रार्थी की ओर से थाने में कोई शिकायत नहीं आई, न ही गम्भीर चोट के मेडिकल में कोई घाव जैसी बात मिली है। यही नहीं मारपीट में जिन लोगों का नाम लिया गया है, उनकी लोकेशन भी घटना के दिन करनाल और इन्द्री में मौजूद नहीं थी। प्रार्थी ने यह भी कहा था कि उसने न्यायालय में भी गुहार लगाई है। इस पर मामले की सुनवाई के बाद मंत्री ने केस को फाईल करने के निर्देश दे दिए।

नगर निगम कार्यालय से सम्बंधित 2 शिकायतें थी। एक शिकायत में गुरू नानकपुरा निवासी लखविन्द्र सिंह का आरोप था कि कैथल रोड पर जो पुल बना है, वह 6 महीने पहले तैयार हो गया था। लेकिन पुल को बनाने वाले ठेकेदार ने सामान डालकर एक सड़क मार्ग को अवरूद्ध कर रखा है, उसका सामान उठवाया जाए... इस पर मंत्री ने नगर निगम के प्रतिनिधि को निर्देश दिए कि रास्ता साफ करवाएं। नगर निगम की ओर से उत्तर दिया गया कि एक सप्ताह में ही ठेकेदार का सामान उठवाकर रास्ते को खुलवा देंगे। दूूसरी शिकायत झंझाड़ी गांव में नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर की गई थी। प्रार्थी का कहना था कि अवैध कब्जे को लेकर उसने न्यायालय में केस दायर कर रखा है, इस पर शिक्षा मंत्री ने निर्णय सुनाते कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, फैसला होने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

करनाल, कुजपुरा और घरौंडा के बीडीपीओ से सम्बंधित एक-एक शिकायत एजेण्डा में शामिल थी। बीडीपीओ करनाल से सम्बंधित शिकायत में मूनक निवासी परिवादी भगवान दास की मांग थी कि उसने मूनक में दो धर्मशालाओं का निर्माण करवाया था, लेकिन उसे अभी तक पंचायत की ओर से किसी तरह का भुगतान नहीं मिला। इस शिकायत में डीडीपीओ ने स्पष्ट किया कि प्रार्थी की ओर से सभी कागजात प्रस्तुत करने को कहा गया था, जो उसने नहीं किए... इस पर मंत्री ने कहा कि प्रार्थी का सहयोग किया जाए और कागज पूरे करवाकर उसकी निर्माण करवाने की जो राशि बनती है, वह पंचायत से दिलवा दी जाए। बीडीपीओ कुंजपुरा से सम्बंधित शिकायत में मखूमाजरा निवासी सुनील कुमार ने शिकायत की थी कि गांव की गलियों में गंदे पानी की निकासी नहीं है, बारिश के मौसम में मच्छर भी पनपते हैं और बीमारियां फैलती हैं। इसे देखते गलियों की मरम्मत और गंदे पानी की निकासी का प्रबंध करने की मांग की गई थी। इस पर बैठक के अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री ने बीडीपीओ कुंजपुरा को निर्देश दिए कि इस समस्या का समाधन करें। बीडीपीओ ने कहा कि ग्राम सभा की बैठक करवाकर अगले दो महीनो में काम शुरू करवा देंगे।

जिला समाज कल्याण अधिकारी से सम्बंधित एक मामले में फरीदपुर निवासी मांगी देवी ने अपनी विधवा पुत्र वधु के खिलाफ शिकायत दी थी कि उसके दो पोते हैं, एक पुत्र वधु के साथ रहता है और दूसरा उसके पास रहता है। उनके नाम विभाग की ओर से जो पैंशन आती है, वह पुत्र वधु के खाते में ही जाती है... एक पोते की पैंशन प्रार्थी ने अपने खाते में दिए जाने की मांग की थी। जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ढिलौड़ ने इस मामले में की गई जांच को लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि मांगी देवी स्वयं एक पैंशनर की पत्नी है और उसमें 4 लाख रूपये की सालाना इनकम होती है। दूसरी ओर पुत्र वधु ने दूसरी शादी भी नहीं करवाई है। विभागीय पॉलिसी अनुसार बच्चे की पैंशन उसकी माता के खाते में ही जाएगी, मांगी देवी को नहीं मिल सकती। इस पर मंत्री ने मामले को फाईल करने के निर्देश दिए।

जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक से सम्बंधित एक मामले में मूनक खण्ड़ के मानपुरा निवासी विकास की ओर से गांव के डिपो होल्डर पर आवश्यक वस्तुओं के वितरण में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। आरोप में यह भी कहा गया था कि गांव में अलग-अलग तरह के कार्ड धारकों की पात्रता न होते हुए भी उन्हें राशन दिया जा रहा है, इसकी जांच करवाई जाए। इस मामले में डीएफएससी के प्रतिनिधि ने रिपोर्ट दी कि अनियमितताएं बरतने वाले डिपो होल्डर की सप्लाई निलंबित कर दी है... मामले की सुनवाई करते हुए बैठक के अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि जो व्यक्ति पात्र नहीं हैं और राशन ले रहे हैं, उनका राशन बंद कर दिया जाए। शिकायतकर्ता की ओर से नाम देने पर उनकी जांच करवाकर कार्रवाई भी करें।

बैठक में प्रस्तुत परिवादों के निपटारे के बाद शिक्षा मंत्री ने मीडिया कर्मियों से रूबरू होकर उनके सवालों का जवाब दिया... उन्होंने बताया कि गरीब बच्चों का स्कूलो में दाखिला को लेकर नियम 134-ए को समाप्त कर दिया है, जबकि शिक्षा का अधिकार लागू रहेगा। उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त स्कूलों और बच्चों के अभिभावकों का आपस में तालमेल रखने के लिए सरकार की ओर से स्कूलो को दी जाने वाली राशि में इजाफा कर दिया है। इसके तहत 300 से 500, 500 से 700 और 900 से 1100 रूपये बढ़ा दिए हैं। 

उन्होंने बताया कि मॉडल संस्कृति स्कूलो में विद्यार्थी, अंग्रेजी और हिन्दी दोनों माध्यमों से पढ़ाई कर सकते हैं। शिक्षको के तबादले से सम्बंधित एक सवाल के जवाब में... उन्होंने बताया कि किसी स्कूल के बच्चे ज्यादा हैं और कहीं अध्यापकों की संख्या ज्यादा है। इसे युक्तिसंगत बनाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को एडजस्टमेंट करने की पावर दे दी गई है। उन्होंने बताया कि कोई भी प्राईवेट स्कूल सालाना 5 प्रतिशत से ज्यादा फीस शुल्क नहीं बढ़ा सकता, 5 साल तक ड्रेस कोड में भी बदलाव नहीं करने के लिए कहा गया है।

बैठक में एडीसी योगेश कुमार, करनाल के एसडीएम गौरव कुमार, घरौंडा के एसडीएम अभय जांगड़ा, इन्द्री के एसडीएम सुमित सिहाग, असंध के एसडीएम मनदीप कुमार, एमडी शुगरमिल अदिति, डीडीपीओ राजबीर खुंडिया, केशकला बोर्ड के वाईस चेयरमैन यशपाल ठाकुर, पूर्व विधायक रमेश कश्यप, जिला महामंत्री सुनील गोयल, भाजपा नेता अशोक भंडारी, ईलम सिंह, विनय पोसवाल, मैहम सिंह धीमान, जनक पोपली, विनोद गुज्जर, देशराज काम्बोज, कृष्ण भुक्कल, राजेश पाढा, बिट्टू काछवा, कविन्द्र शर्मा, दर्शन सिंह सहगल, सुखदेव कांगड़ा, कवलजीत मंढान, सुधीर यादव, तेजिन्द्र सिंह तेजी, धर्मपाल शांडिल्य, मंजू, रजनी चुग तथा अन्य सदस्य उपस्थित रहे। 


हरियाणा कौशल रोजगार निगम द्वारा अब तक 28787 लोगों को जॉब का ऑफर किया जा चुका, अब तक आउटसोर्स कर्मियों के अनुभव का 37 प्रतिशत वेरिफिकेशन हुआ: मुख्य सचिव 

















Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad


ADD


 

ads