Type Here to Get Search Results !

ad

ADD


 

Chandigarh- सरकार खोई से भी सस्ता खरीद रही है किसान का गन्ना: हुड्डा


𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐭𝐞𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭'𝐬 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐨 𝐜𝐮𝐭 𝐬𝐮𝐠𝐚𝐫𝐜𝐚𝐧𝐞 𝐜𝐫𝐨𝐩 𝐛𝐲 𝟕% 𝐩𝐞𝐫 𝐪𝐮𝐢𝐧𝐭𝐚𝐥 𝐰𝐞𝐢𝐠𝐡𝐭 𝐚𝐬 𝐢𝐧𝐣𝐮𝐬𝐭𝐢𝐜𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐚𝐠𝐚𝐬𝐬𝐞, 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐫𝐲 𝐩𝐮𝐥𝐩𝐲 𝐦𝐚𝐭𝐞𝐫𝐢𝐚𝐥 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐫𝐞𝐦𝐚𝐢𝐧𝐬 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐚𝐧𝐞 𝐢𝐬 𝐜𝐫𝐮𝐬𝐡𝐞𝐝, 𝐢𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐬𝐨𝐥𝐝 𝐚𝐭 𝐚 𝐡𝐢𝐠𝐡𝐞𝐫 𝐩𝐫𝐢𝐜𝐞 𝐭𝐡𝐚𝐧 𝐬𝐮𝐠𝐚𝐫𝐜𝐚𝐧𝐞 𝐢𝐭𝐬𝐞𝐥𝐟.



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गन्ने की फसल पर सरकार द्वारा प्रति क्विंटल 𝟕% वजन कटौती के फैसले को किसानों के साथ अन्याय करार दिया है। हुड्डा का कहना है कि पिछले साल हारवेस्टर से कटाई वाली फसल पर 𝟓% वजन कटौती की जाती थी, जिसे इसबार बढ़ाकर 𝟕% कर दिया गया है। 

जबकि पंजाब समेत अन्य राज्यों में हरियाणा से कम कटौती होती है। पंजाब में प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह की बिकवाली पर सिर्फ 𝟑 प्रतिशत कटौती होती है। ऐसे में बीजेपी-जेजेपी द्वारा हरियाणा के किसान को किस गुनाह की सजा दी जा रही है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वजन कटौती में बढ़ोत्तरी करके सरकार गन्ना किसानों को दोहरी मार मारने में लगी है। एक तरफ कम कीमत पर उनकी फसल खरीदी जा रही है और दूसरा वजन कटौती के नाम पर उन्हें ठगा जा रहा है। स्थिति यह है कि गन्ने की खोई ₹𝟒𝟎𝟎 प्रति क्विंटल के रेट पर बिक रही है।  

और गन्ना सिर्फ ₹𝟑𝟔𝟎 के रेट पर। आज की तारीख में गन्ने की खोई भी इथेनॉल बनाने के काम आ रही है। इसलिए किसान की लागत और गन्ने की उपयोगिता को देखते हुए हरियाणा के किसानों को कम से कम ₹𝟒𝟎𝟎 प्रति क्विंटल रेट मिलना चाहिए।

𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐛𝐲 𝐢𝐧𝐜𝐫𝐞𝐚𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐞𝐢𝐠𝐡𝐭 𝐫𝐞𝐝𝐮𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐬 𝐭𝐫𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐠𝐢𝐯𝐞 𝐚 𝐝𝐨𝐮𝐛𝐥𝐞 𝐰𝐡𝐚𝐦𝐦𝐲 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐮𝐠𝐚𝐫𝐜𝐚𝐧𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬. “𝐎𝐧 𝐨𝐧𝐞 𝐡𝐚𝐧𝐝. 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐜𝐫𝐨𝐩 𝐢𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐛𝐨𝐮𝐠𝐡𝐭 𝐚𝐭 𝐚 𝐥𝐨𝐰 𝐩𝐫𝐢𝐜𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐡𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐚𝐫𝐞 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐡𝐞𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐧𝐚𝐦𝐞 𝐨𝐟 𝐰𝐞𝐢𝐠𝐡𝐭 𝐫𝐞𝐝𝐮𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧. 𝐓𝐡𝐞 𝐬𝐢𝐭𝐮𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐬 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐬𝐮𝐠𝐚𝐫𝐜𝐚𝐧𝐞 𝐁𝐚𝐠𝐚𝐬𝐬𝐞 (𝐝𝐫𝐲 𝐩𝐮𝐥𝐩𝐲 𝐟𝐢𝐛𝐫𝐨𝐮𝐬 𝐦𝐚𝐭𝐞𝐫𝐢𝐚𝐥 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐫𝐞𝐦𝐚𝐢𝐧𝐬 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐜𝐫𝐮𝐬𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐬𝐮𝐠𝐚𝐫𝐜𝐚𝐧𝐞) 𝐢𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐬𝐨𝐥𝐝 𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 ₹ 𝟒𝟎𝟎 𝐩𝐞𝐫 𝐪𝐮𝐢𝐧𝐭𝐚𝐥 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐮𝐠𝐚𝐫𝐜𝐚𝐧𝐞 𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 ₹ 𝟑𝟔𝟎 𝐨𝐧𝐥𝐲. 𝐈𝐧 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲'𝐬 𝐝𝐚𝐭𝐞, 𝐬𝐮𝐠𝐚𝐫𝐜𝐚𝐧𝐞 𝐛𝐚𝐠𝐚𝐬𝐬𝐞 𝐢𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐮𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐦𝐚𝐤𝐞 𝐞𝐭𝐡𝐚𝐧𝐨𝐥. 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐞𝐟𝐨𝐫𝐞, 𝐤𝐞𝐞𝐩𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐯𝐢𝐞𝐰 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐮𝐬𝐞𝐟𝐮𝐥𝐧𝐞𝐬𝐬 𝐨𝐟 𝐬𝐮𝐠𝐚𝐫𝐜𝐚𝐧𝐞, 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐠𝐞𝐭 𝐚𝐭 𝐥𝐞𝐚𝐬𝐭 ₹ 𝟒𝟎𝟎 𝐩𝐞𝐫 𝐪𝐮𝐢𝐧𝐭𝐚𝐥,” 𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐝.   

हुड्डा ने अपने बयान में खाद के लिए परेशान हो रहे किसानों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि एकबार फिर बीजेपी-जेजेपी सरकार किसानों को वक्त पर पूरी खाद देने में नाकाम साबित हुई है। हरेक सीजन की तरह इसबार भी किसानों को कई-कई दिन और घंटों लंबी कतारों में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वक्त पर खाद नहीं मिलने से किसानों को उत्पादन में घाटे का डर सता रहा है। इसलिए सरकार को अन्नदाता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए तुरंत खाद की किल्लत को दूर करना चाहिए।

𝐈𝐧 𝐡𝐢𝐬 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭, 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐫𝐚𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐬𝐬𝐮𝐞 𝐨𝐟 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐫𝐨𝐮𝐛𝐥𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫 𝐟𝐞𝐫𝐭𝐢𝐥𝐢𝐳𝐞𝐫𝐬. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐨𝐧𝐜𝐞 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐉𝐏-𝐉𝐉𝐏 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐟𝐚𝐢𝐥𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐞𝐭𝐞 𝐟𝐞𝐫𝐭𝐢𝐥𝐢𝐳𝐞𝐫𝐬 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐧 𝐭𝐢𝐦𝐞. “𝐋𝐢𝐤𝐞 𝐞𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐬𝐞𝐚𝐬𝐨𝐧, 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐭𝐢𝐦𝐞 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐭𝐨 𝐰𝐚𝐢𝐭 𝐟𝐨𝐫 𝐦𝐚𝐧𝐲 𝐝𝐚𝐲𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐡𝐨𝐮𝐫𝐬 𝐢𝐧 𝐥𝐨𝐧𝐠 𝐪𝐮𝐞𝐮𝐞𝐬. 𝐃𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐧𝐨𝐧-𝐚𝐯𝐚𝐢𝐥𝐚𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲 𝐨𝐟 𝐟𝐞𝐫𝐭𝐢𝐥𝐢𝐳𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐧 𝐭𝐢𝐦𝐞, 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐟𝐚𝐜𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐞𝐚𝐫 𝐨𝐟 𝐥𝐨𝐬𝐬 𝐢𝐧 𝐩𝐫𝐨𝐝𝐮𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧. 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐞𝐟𝐨𝐫𝐞, 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐢𝐝𝐞𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐭𝐬 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐨𝐧𝐬𝐢𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲 𝐭𝐨𝐰𝐚𝐫𝐝𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐨𝐝 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞𝐫, 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐫𝐞𝐦𝐨𝐯𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐡𝐨𝐫𝐭𝐚𝐠𝐞 𝐨𝐟 𝐟𝐞𝐫𝐭𝐢𝐥𝐢𝐳𝐞𝐫𝐬 𝐢𝐦𝐦𝐞𝐝𝐢𝐚𝐭𝐞𝐥𝐲,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝. 

ये भी पढ़ें.. 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad


ADD


 

ads