मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई भ्रष्टाचार के मामलों पर गठित हाई पावर कमेटी की दूसरी बैठक
मुख्य सचिव ने समय-समय पर विजिलेंस द्वारा दर्ज मामलों पर की जा रही कार्रवाई की विगतवार समीक्षा की। पिछले और इस माह में विजिलेंस द्वारा कुल 𝟑𝟖𝟗 मामले किए गए, जिनमें से 𝟐𝟏𝟔 मामलों में जांच पूरी की जा चुकी है। पूरी की गई जांच में से 𝟒𝟕 जांचों में विभागीय कार्रवाई और 𝟓 जांचों में आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई है। 𝟑 मामलों पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को भेजे गए हैं।
संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्रवाई की रिपोर्ट बनाते समय शिकायतों का स्त्रोत भी दर्ज किया जाए, ताकि सरकार के पास विस्तृत डाटा हो कि अधिकतर शिकायतें किस स्त्रोत से आ रही हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शिकायतों पर लिए गए एक्शन का समय – समय पर फॉलो-अप भी किया जाना चाहिए, ताकि अंतिम स्तर तक की गई कार्रवाई की भी सख्त निगरानी की जा सके।
128 मामलों में चार्जशीट /चालान दाखिल
बैठक में बताया कि 𝟏 जनवरी, 𝟐𝟎𝟐𝟐 से 𝟑𝟎 सितंबर, 𝟐𝟎𝟐𝟐 तक भ्रष्टाचार से संबंधित दर्ज मामलों में से 𝟏𝟐𝟖 मामलों में चार्जशीट /चालान दाखिल किया जा चुका है। 𝟐𝟓𝟖 मामलों में चार्जशीट /चालान दाखिल करना अभी लंबित है। इस पर संजीव कौशल ने निर्देश दिए कि लंबित मामलों में भी जल्द से जल्द चार्जशीट /चालान दाखिल करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) लगाने का प्रस्ताव तैयार कर दिया गया है। जल्द अंतिम मंजूरी मिलते ही इन पदों के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा। सीवीओ के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी मौका दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीवीओ की नियुक्ति करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 𝟔 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का डिवीजन लेवल तक भी विस्तार किया गया है। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों से ही प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त अधिकारी व कर्मचारी पकड़े जा रहे हैं और उन पर उपयुक्त कार्रवाई की जा रही है। हाई पॉवर कमेटी के गठन होने से अब इन गतिविधियों में और भी तेजी आ रही है।
हरियाणा में सैंपल जांच के लिए केमिस्ट्री और फिजिक्स की बनेगी अलग डिविजन
बैठक में यह भी विषय रखा गया कि पंचकूला में स्थापित रीजनल एफएसएल लैब में वर्तमान में केमिस्ट्री और फिजिक्स डिवीजन नहीं है, जबकि अधिकतर सैंपल जो जांच के लिए भेजे जाते हैं, वो केमिस्ट्री और फिजिक्स से संबंधित होते हैं, इस कारण मामलों में आगामी कार्रवाई में भी कभी-कभी देरी हो जाती है। इसलिए इस लैब में केमिस्ट्री और फिजिक्स की अलग डिवीजन बनाने के लिए सीएफएसएल को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
बैठक में यह भी बताया गया कि हाल ही में सूरजकुंड में हुए गृह मंत्रियों के सम्मेलन में नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी, गुजरात से भी हरियाणा में एक कैंपस खोलने के संबंध में चर्चा की गई थी। युनिवर्सिटी द्वारा पंचकूला में एक कैंपस खोलने पर सहमति बनी है। इस बारे प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
बैठक में बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त वी एस कुंडू, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, पुलिस महानिदेशक पी के अग्रवाल, राज्य सतर्कता ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, एडीजीपी, सीआईडी आलोक मित्तल, महाधिवक्ता हरियाणा बलदेव राज महाजन, गृह-I विभाग के सचिव विनय सिंह, कार्मिक विभाग के विशेष सचिव पंकज, डीआईजी, एसवीबी पंकज नैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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