हरियाणा अपनी विधानसभा बनाने की कोशिश कर रहा है तो इसमें किसी को एतराज नहीं होना चाहिए
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। पंजाब के नेताओं द्वारा चंडीगढ़ में विधानसभा के लिए हरियाणा को एक इंच जमीन नहीं देने के बयान पर हरियाणा के मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने पलटवार किया है। मंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का का पूरा हक है। जब तक एसवाईएल का पानी नहीं मिल जाता, हिन्दी भाषी क्षेत्र नहीं मिल जाते, तब तक हम चंडीगढ़ में डटे हुए हैं।
पत्रकारों से बातचीत में मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि हरियाणा अपनी विधानसभा बनाने की कोशिश कर रहा है तो इसमें किसी को एतराज नहीं होना चाहिए। हमने पैसा देकर जमीन लेनी है और निर्माण भी हरियाणा को ही करना है।
हरियाणा विधानसभा सदन के लिए अलग से चंडीगढ़ में जमीन के आवंटन का पंजाब के नेताओं द्वारा किए जा रहे विरोध पर पूछे जाने पर... चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि 1966 में जब हरियाणा पंजाब से अलग हुआ तो उस समय चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश का भी हिस्सा था। शाह आयोग ने चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक करार दिया था और आयोग के दो सदस्यों ने चंडीगढ़ को हिन्दी भाषी क्षेत्र मानते हुए हरियाणा के पक्ष में अपना मत दिया था।
पंजाब में उस समय अकाली नेता तारा सिंह तथा फतेह सिंह जैसे नेताओं का दबदबा था। तत्कालीन केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने वोट बैंक के चक्कर में चंडीगढ़ पर हरियाणा के हक पर रोक लगा दी, जबकि यह मामला पूरी तरह से केन्द्र सरकार का था और चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया।
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