𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐞𝐱𝐩𝐫𝐞𝐬𝐬𝐞𝐝 𝐝𝐞𝐞𝐩 𝐜𝐨𝐧𝐜𝐞𝐫𝐧 𝐨𝐯𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞'𝐬 𝐩𝐨𝐨𝐫 𝐡𝐞𝐚𝐥𝐭𝐡 𝐬𝐲𝐬𝐭𝐞𝐦. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐉𝐏-𝐉𝐉𝐏 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐧𝐞𝐢𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐞𝐞𝐦𝐬 𝐬𝐞𝐫𝐢𝐨𝐮𝐬 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭 𝐜𝐨𝐧𝐝𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐡𝐞𝐚𝐥𝐭𝐡 𝐬𝐞𝐫𝐯𝐢𝐜𝐞𝐬 𝐧𝐨𝐫 𝐢𝐬 𝐢𝐭 𝐰𝐨𝐫𝐫𝐢𝐞𝐝 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐮𝐭𝐮𝐫𝐞.
इसलिए ना वर्तमान में मेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है और ना ही भविष्य में डॉक्टर्स की कमी पूरी करने की नीति बनाई जा रही है। यही वजह है कि हरियाणा से एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों पर सरकार ने सात साल और 𝟒𝟎 लाख रुपए की बॉन्ड पॉलिसी थोप दी है।
मेरिट में टॉप करने वाले विद्यार्थी हरियाणा से एमबीबीएस नहीं करना चाहते। इस पॉलिसी के खिलाफ विद्यार्थी महीने भर से धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल कर रहे हैं। लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। सरकार को विद्यार्थियों से बातचीत करके फौरन इस मसले का समाधान निकालना चाहिए। क्योंकि इससे ना सिर्फ विद्यार्थी बल्कि उनके अभिभावक और मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को बॉन्ड की रकम और मियाद कम करनी चाहिए। साथ ही विद्यार्थियों को अन्य राज्यों की तरह जॉब गारंटी देनी चाहिए।
मेरिट में टॉप करने वाले विद्यार्थी हरियाणा से एमबीबीएस नहीं करना चाहते। इस पॉलिसी के खिलाफ विद्यार्थी महीने भर से धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल कर रहे हैं। लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। सरकार को विद्यार्थियों से बातचीत करके फौरन इस मसले का समाधान निकालना चाहिए। क्योंकि इससे ना सिर्फ विद्यार्थी बल्कि उनके अभिभावक और मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को बॉन्ड की रकम और मियाद कम करनी चाहिए। साथ ही विद्यार्थियों को अन्य राज्यों की तरह जॉब गारंटी देनी चाहिए।
“Merit topper students do not want to do MBBS from Haryana. Students have been protesting and fasting for a month against this policy, but the government is adamant and refuses to be reasoanble. The government should find a solution to this issue immediately after talking to the students as both students, their parents and patients are facing huge problems due to this. The government should reduce the amount and tenure of the bonds. Along with this, students should be given job guarantee like other states,” he said.
हुड्डा का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं सीधे नागरिकों की जिंदगी से जुड़ा हुआ मसला है। लेकिन प्रदेश सरकार की अनदेखी के चलते आज अस्पताल खुद मरीज बने हुए हैं। क्योंकि अस्पतालों में 𝟔𝟔𝟎𝟎 से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर और मशीनों की भारी कमी है।
हुड्डा का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं सीधे नागरिकों की जिंदगी से जुड़ा हुआ मसला है। लेकिन प्रदेश सरकार की अनदेखी के चलते आज अस्पताल खुद मरीज बने हुए हैं। क्योंकि अस्पतालों में 𝟔𝟔𝟎𝟎 से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर और मशीनों की भारी कमी है।
Hooda said health services is an issue directly related to the lives of the citizens, but today the hospitals themselves have become patients due to the neglect of the state government. “More than 6600 posts are lying vacant in hospitals and this is has completely derailed health services in the state. There is an acute shortage of specialist doctors, lab technicians, pharmacists, radiographers and machines in government hospitals,” he added.
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में हरियाणा को स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनाया गया था। इसके लिए प्रदेश में 𝟓 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए थे। साथ ही 𝟏𝟑𝟔 𝐒𝐇𝐂𝐬, 𝟓𝟑 𝐏𝐇𝐂𝐬, 𝟑𝟕 𝐂𝐇𝐂 (कुल 𝟐𝟐𝟔 नए अस्पताल) बनाए गए थे।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में हरियाणा को स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनाया गया था। इसके लिए प्रदेश में 𝟓 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए थे। साथ ही 𝟏𝟑𝟔 𝐒𝐇𝐂𝐬, 𝟓𝟑 𝐏𝐇𝐂𝐬, 𝟑𝟕 𝐂𝐇𝐂 (कुल 𝟐𝟐𝟔 नए अस्पताल) बनाए गए थे।
कांग्रेस सरकार के दौरान ही खानपुर में मेडिकल यूनिवर्सिटी, बाढड़ा में एम्स 𝟐, और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान झज्जर जैसे संस्थान प्रदेश में आए। लेकिन बीजेपी ने प्रदेश में ऐसा एक भी संस्थान स्थापित नहीं किया। उसने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत ऐसी बना दी कि जरूरत पड़ने पर कोरोना काल के दौरान लोगों को ऑक्सीजन तक नहीं मिल पाई।
“Haryana was made self-sufficient in health services during the Congress tenure. For this, 5 medical colleges were established in the state. Also 136 SHCs, 53 PHCs, 37 CHCs (total 226 new hospitals) were created. It was during the Congress government that institutions like Medical University in Khanpur, AIIMS 2 in Badhra, and National Cancer Institute Jhajjar came up in the state. BJP, however, has not established a single such institute in the state and has made the condition of the state's health services such that people could not even get oxygen when needed during the Corona period,” he stated.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य महकमे के साथ अलग-अलग महकमों में 𝟏,𝟖𝟐,𝟎𝟎𝟎 पद खाली पड़े हुए हैं। खाली पदों को भरने की बजाय सरकार बिना भर्ती के पदों को खत्म कर रही है। बचे हुए पदों पर कौशल निगम के जरिए कच्ची भर्तियां की जा रही है।
सरकार की नीतियों से स्पष्ट है कि वह प्रदेश के युवाओं को रोजगार देना ही नहीं चाहती। यही वजह है कि पिछले कई साल से हरियाणा लगातार बेरोजगारी में टॉप कर रहा है। सीएमआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक एकबार फिर हरियाणा तमाम राज्य को पीछे छोड़ते हुए पहले पायदान पर रहा है। हरियाणा में आज 𝟑𝟎.𝟔% बेरोजगारी दर है, जो राष्ट्रीय औसत से लगभग 𝟒 गुना ज्यादा है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य महकमे के साथ अलग-अलग महकमों में 𝟏,𝟖𝟐,𝟎𝟎𝟎 पद खाली पड़े हुए हैं। खाली पदों को भरने की बजाय सरकार बिना भर्ती के पदों को खत्म कर रही है। बचे हुए पदों पर कौशल निगम के जरिए कच्ची भर्तियां की जा रही है।
सरकार की नीतियों से स्पष्ट है कि वह प्रदेश के युवाओं को रोजगार देना ही नहीं चाहती। यही वजह है कि पिछले कई साल से हरियाणा लगातार बेरोजगारी में टॉप कर रहा है। सीएमआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक एकबार फिर हरियाणा तमाम राज्य को पीछे छोड़ते हुए पहले पायदान पर रहा है। हरियाणा में आज 𝟑𝟎.𝟔% बेरोजगारी दर है, जो राष्ट्रीय औसत से लगभग 𝟒 गुना ज्यादा है।
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