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Chandigarh- हरियाणा वाहन स्क्रैपेज नीति को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

 

आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित होने के बाद नीति पांच साल के लिए प्रभावी होगी



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा वाहन स्क्रैपेज नीति बनाने के ड्राफ्ट को स्वीकृति प्रदान की गई जिसके तहत 10 वर्ष की अवधि पूरी कर चुके डीजल वाहनों तथा 15 वर्ष की अवधि पूरी चुके पेट्रोल वाहनों को स्क्रैप किया जा सकेगा। यह नीति भारत सरकार के स्वैच्छिक वाहन बेड़े का आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वॉलेंट्री व्हकील फलीट मार्डनाइजेशन प्रोगाम) के साथ लिंक करके तैयार की गई है।

पर्यावरण को सर्कुलर इकोनॉमी मानने के प्रधान मंत्री के विजन को मूर्त रूप देते हुए पांच साल की अवधि के लिए नीति तैयार की गई है जो पुन: उपयोग, सांझाकरण और मरम्मत, नवीनीकरण, पुनर्निर्माण और पुनर्चक्रण के लिए संसाधनों का उपयोग कर एक क्लोज-लूप सिस्टम सृजित करेगी और सुनिश्चित करेगी कि कम से कम कचरे का उत्पादन, प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन हो।

यह नीति अवधि समाप्त कर चुके सभी वाहनों, पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं (आरवीएसएफ) पंजीकरण प्राधिकरणों और विभागों पर लागू होगी, जिन्होंने आरवीएसएफ के पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करना है।

सर्कुलर इकोनॉमी के जरिए कचरे से धन की ओर जाना

इस नीति के तहत, डीजल वाहनों के मामले में 10 वर्ष की अवधि और पेट्रोल वाहनों के मामले में 15 वर्ष की अवधि पूरी कर चुके वाहनों को स्क्रैपड कर दिया जाएगा। अनुपयुक्त वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की सुविधा के लिए एक प्रोत्साहन-आधारित प्रणाली शुरू की जाएगी। इसके अलावा, पुराने अनुपयुक्त वाहनों का उपयोग करने पर दंडात्मक कार्रवाई का उपयोग भी किया जाएगा जो एक महंगी प्रक्रिया है।

नीति का उद्देश्य, मोटर वाहन मालिकों द्वारा वाहन बदलने के लिए वाहनों की खरीद को बढ़ावा देना भी है जिससे सरकारी खजाने में वृद्धि होगी। साथ ही, अपने वाहनों की स्क्रैपिंग करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए वाहन खरीदने पर वित्तीय लाभ भी मिलेगा।


प्रोत्साहन, छूट या वित्तीय लाभ

इस नीति के तहत, वसूले जाने वाले मोटर वाहन कर में 10 प्रतिशत तक या जमा प्रमाणपत्र में उल्लिखित स्क्रैप मूल्य का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, छूट देने का प्रावधान होगा। जमा प्रमाणपत्र के आधार पर खरीदे गए नए वाहन के पंजीकरण पर पंजीकरण शुल्क में 25 प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी।

निर्धारित अवधि पूरी कर चुके वाहनों से फिटनेस के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार वाहनों के ईंजन की क्षमता के अनुसार एक-एक रुपये की दर से पर्यावरण मुआवजा शुल्क और सडक़ जोखिम शुल्क लिया जाएगा।

निर्धारित अवधि की क्षितिज पर खड़े वाहनों के लिए स्थानांतरण, दृष्टिबंधक परिवर्तन, एनओसी आदि अन्य सभी परिवहन सेवाओं की शुल्क दर को बढ़ाया जाएगा जो अन्य वाहनों की तुलना में 100 रुपये अधिक होगी।


नीति प्रक्रिया

पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं (आरवीएसएफ) को पूर्ण रूप से निजी निवेश के माध्यम से स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सुविधा स्थापित करने के लिए सभी आवेदन नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम पर प्राप्त किए जाएंगे। राज्य सरकार के सभी संबंधित विभाग 30 दिनों के भीतर अनुमति, एनओसी जारी करेंगे। आरवीएसएफ पंजीकरण के लिए परिवहन विभाग द्वारा आवेदन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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