ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.
रादौर, डिजिटल डेक्स।। करीब 15 दिनों पहले बिहारी चौंक से गांव उन्हेड़ी तक 1.80 किलोमीटर लंबी सड़क का करीब 56 लाख रूपए की लागत से निर्माण पीडब्लयूडी विभाग की ओर से करवाया गया था। लेकिन 56 लाख रूपए खर्च करने के बाद बनी सड़क 56 दिन भी नहीं चल पाई और जगह जगह से बिखरनी शुरू हो गई है।
जिसको लेकर ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। ग्रामीणों का कहना है कि जब सड़क निर्माण चल रहा था तो उन्होंने तब भी सड़क का काम रोकने के लिए ठेकेदार को कहा था लेकिन जबरन घटिया मैटीरियरल का प्रयोग कर सड़क को बना दिया गया और निर्माण कार्य में बड़ा घोटाला किया गया है। जिससे रोष स्वरूप ग्रामीणों ने ठेकेदार व कर्मचारियों के विरोध में रोष प्रदर्शन किया और सड़क निर्माण के कार्य की जांच करने की मांग की।
ग्रामीण रवि चौहान उन्हेड़ी, अभिषेक राणा, कपिल राणा, बिट्टू राणा, मनिंद्र राणा, बिंदर पाल इत्यादि ने बताया कि बिहारी चौंक से उनके गांव तक सड़क का निर्माण पीडब्लयूडी विभाग की ओर से करवाया गया था। जब सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था तो उसकी समय ग्रामीणों ने मैटीरियल को लेकर आपत्ति दर्ज करवाई थी।
सड़क निर्माण में बेहतर क्वालिटी का मैटीरियल प्रयोग किया गया है। लेकिन जब कार्य चल रहा था तो उस समय अधिक ठंड व पेड़ो से गिरने वाली ओस के कारण तारकोल कुछ जगहों पर ठीक से जम नहीं पाया था। जिस कारण यह समस्या आई है। इसके बारे उन्होंने ठेकेदार को निर्देश दे दिए है। दो दिनों के अंदर सड़क को दरूस्त करवा दिया जाएगा।
ग्रामीण रवि चौहान उन्हेड़ी, अभिषेक राणा, कपिल राणा, बिट्टू राणा, मनिंद्र राणा, बिंदर पाल इत्यादि ने बताया कि बिहारी चौंक से उनके गांव तक सड़क का निर्माण पीडब्लयूडी विभाग की ओर से करवाया गया था। जब सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था तो उसकी समय ग्रामीणों ने मैटीरियल को लेकर आपत्ति दर्ज करवाई थी।
और ठेकेदार को काम रोककर उच्च क्वालिटी का मैटीरियरल प्रयोग करने को कहा था लेकिन उसने ग्रामीणों की एक नहीं सुनी और अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर इस कार्य को पूरा कर दिया। जिससे अब यह सड़क जगह जगह से बिखरनी शुरू हो गई है।
जिससे निर्माण कार्य में प्रयोग हुए घटिया मैटीरियल की सच्चाई सामने आने लगी है। सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने के दावे कर रही है लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी कार्यो में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने मांग की कि इस कार्य की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सड़क निर्माण में बेहतर क्वालिटी का मैटीरियल प्रयोग किया गया है। लेकिन जब कार्य चल रहा था तो उस समय अधिक ठंड व पेड़ो से गिरने वाली ओस के कारण तारकोल कुछ जगहों पर ठीक से जम नहीं पाया था। जिस कारण यह समस्या आई है। इसके बारे उन्होंने ठेकेदार को निर्देश दे दिए है। दो दिनों के अंदर सड़क को दरूस्त करवा दिया जाएगा।