Gita Jayanti Mahotsav will be celebrated in Australia next month
मुख्यमंत्री आज दिल्ली विश्वविद्यालय के खेल परिसर के बहुउद्देशीय हाल में आर्ट आफ लिविंग तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के सौजन्य से आयोजित ध्यान एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष व्याख्यान ‘‘हर घर ध्यान’’ कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित जनों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पदम विभूषण श्रद्धेय गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री आज दिल्ली विश्वविद्यालय के खेल परिसर के बहुउद्देशीय हाल में आर्ट आफ लिविंग तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के सौजन्य से आयोजित ध्यान एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष व्याख्यान ‘‘हर घर ध्यान’’ कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित जनों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पदम विभूषण श्रद्धेय गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
अगले माह ही आस्ट्रेलिया में गीता जयंती कार्यक्रम मनाया जाएगा... मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता एक ऐसा ग्रंथ है, जो अपने आप में जीवन के मूल्यों का सार है और गीता का संदेश युद्ध के मैदान में दिया गया था, जो आज भी पूरी दुनिया के लिए सार्थक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का सौभाग्य है कि यह गीता का संदेश कुरूक्षेत्र के थानेसर की धरती पर दिया गया।
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के प्रत्येक जिला व खण्ड स्तर पर गीता के संदेश व शिक्षा को पहुंचाने के लिए गीता जयंती मनाई जाती है और कुरूक्षेत्र में यह कार्यक्रम 18 दिनों तक मनाया जाता है ताकि जीवन मूल्यों के प्रति लोगों का जागरूक किया जा सकें।
उन्होंने कहा कि गीता जंयती कार्यक्रम को हमारी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का काम किया है जिसके तहत इंग्लैंड, कनाडा और मॉरीशस इत्यादि देशों में गीता जयंती को मनाया गया है। उन्होंने बताया कि अगले माह ही आस्ट्रेलिया में गीता जयंती कार्यक्रम मनाया जाएगा।
प्रांरभिक रूप से ध्यान को अपने जीवन में धारण करने से तनाव से मुक्ति पाई जा सकती है... ध्यान और शांति का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अतीत से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है और दुनिया को शांति का संदेश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम ‘तेरा है, मेरा है’, को छोडक़र देश और प्रदेश को एक परिवार के रूप में देखेंगें तो देश व प्रदेश आगे बढ़ेगा।
प्रांरभिक रूप से ध्यान को अपने जीवन में धारण करने से तनाव से मुक्ति पाई जा सकती है... ध्यान और शांति का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अतीत से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है और दुनिया को शांति का संदेश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम ‘तेरा है, मेरा है’, को छोडक़र देश और प्रदेश को एक परिवार के रूप में देखेंगें तो देश व प्रदेश आगे बढ़ेगा।
तनाव से मुक्ति पाने के संबंध में उन्होंने कहा कि प्रांरभिक रूप से ध्यान को अपने जीवन में धारण करने से तनाव से मुक्ति पाई जा सकती है। इसके अलावा, योग व ध्यान से तनाव को समाप्त किया जा सकता है।
मनोहर लाल ने कहा कि आज हम आधुनिक जीवन में काफी तरक्की कर गए हैं और बड़ी-बड़ी मशीनरी और हथियार बना रहे हैं, लेकिन अगर सूझ-बूझ नहीं रखेंगें तो इनको संभालना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सभी चीजों को नियंत्रित करने के लिए योग, ध्यान और शांति आवश्यक रूप से हमारे में होनी चाहिए।
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साल 1980 के बाद से मुझे कभी भी तनाव नहीं हुआ... मुख्यमंत्री ने गीता के शलोक कर्मण्ये वाधिकारस्ते, मा फलेषु कदाचन का व्याख्यान करते हुए कहा कि कर्म करते जाओ, फल की चिंता मत करों। उन्होंने अपने जीवन में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘हमें क्या करना है, हमें क्या बनना है’’ इन दो वाक्यों के बीच का फासला बहुत कम है परंतु करना और बनना से जीवन के तनाव को खत्म किया जा सकता है।
उन्होंने करना और बनना के बीच के अर्थ को समझाते हुए कहा कि जो हमें करना है उसकी चिंता नहीं की जाती और वह तनाव भी नहीं करता लेकिन जो हमें बनना है वो तनाव करता है क्योंकि हम हर पल यही सोचते रहते हैं कि मुझे फलां जैसे कि डॉक्टर, इंजीनियर इत्यादि बनना है, हम उसकी चिंता में तनावग्रस्त हो जाते हैं।
इसलिए जब मैं साल 1980 में दिल्ली में आरएसएस में था जो मुझे करना और बनना के बीच का फर्क समझ आ गया है और मैंने सोच लिया कि मैंने देश की सेवा करनी है। उसके बाद मुझे कभी भी तनाव नहीं हुआ क्योंकि मुझे क्या करना है यह पता चल गया था।
प्रांरभिंक जीवन में दिशा तय करने से तनाव घटेंगें... तनाव को खत्म करने के लिए प्रारंभिक रूप से हर घर ध्यान जरूरी है और ध्यान व विचार से तनाव दूर किया जा सकता है इसलिए प्रांरभिंक जीवन में दिशा तय करने से तनाव घटेंगें। उन्होंने कहा कि मुश्किलों को पार करने से बहुत से रास्ते निकल आते हैं। इसके अलावा, उन्होंने अपने बचपन व युवावस्था के दौरान के अनुभवों को भी साझा किया और बताया कि 47 साल पहले वर्ष 1975 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री की थी।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा मनाये जा रहे शताब्दी समारोह-हर घर ध्यान कार्यक्रम के लिए अपनी ओर से बधाई व शुभकामनाएं भी दी।
प्रांरभिंक जीवन में दिशा तय करने से तनाव घटेंगें... तनाव को खत्म करने के लिए प्रारंभिक रूप से हर घर ध्यान जरूरी है और ध्यान व विचार से तनाव दूर किया जा सकता है इसलिए प्रांरभिंक जीवन में दिशा तय करने से तनाव घटेंगें। उन्होंने कहा कि मुश्किलों को पार करने से बहुत से रास्ते निकल आते हैं। इसके अलावा, उन्होंने अपने बचपन व युवावस्था के दौरान के अनुभवों को भी साझा किया और बताया कि 47 साल पहले वर्ष 1975 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री की थी।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा मनाये जा रहे शताब्दी समारोह-हर घर ध्यान कार्यक्रम के लिए अपनी ओर से बधाई व शुभकामनाएं भी दी।
इससे पहले, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने मुख्यमंत्री को उनकी डिग्री की कॉपी पुन: सौंपी और मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि मनोहर लाल जी एक अपराईट मुख्यमंत्री हैं अर्थात बहुत ही समझदार हैं। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा में पहली बार विधायक बने और पहली ही बार में प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद इन्होंने दोबारा से राज्य में अपनी सरकार बनाई।
इस मौके पर प्रो. के.पी. सिंह और प्रो. विकास गुप्ता ने भी उपस्थित जनों को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय और आर्ट आफ लिविंग के बीच ‘हर घर ध्यान’ के लिए एक समझौता भी किया गया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पद्म विभूषण श्रद्धेय गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह, गीता और विश्वविद्यालय की स्मारिका भेंट की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. बलराम पाणी, प्रो. विकास गुप्ता, प्रो. के पी सिंह, प्रो. निरा मिश्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस मौके पर प्रो. के.पी. सिंह और प्रो. विकास गुप्ता ने भी उपस्थित जनों को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय और आर्ट आफ लिविंग के बीच ‘हर घर ध्यान’ के लिए एक समझौता भी किया गया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पद्म विभूषण श्रद्धेय गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह, गीता और विश्वविद्यालय की स्मारिका भेंट की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. बलराम पाणी, प्रो. विकास गुप्ता, प्रो. के पी सिंह, प्रो. निरा मिश्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।