दलदली जमीन को किसानों के लिए बनाया जाएगा लाभकारी
एकीकृत अप्रोच से परियोजनाओं को किया जाएगा क्रियान्वित
8 नवम्बर तक अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट
श्रीमती अरोड़ा आज सिंचाई विश्राम गृह में सेम की समस्या को लेकर आयोजित अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि सर्वे के माध्यम से इन दोनों जिलों के उन क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया गया है जहां पर सेम की समस्या वर्षों से बनी हुई है और ऐसी भूमिका किसी के लिए उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे क्षेत्रों के लिए कई परियोजना तैयार है, जिन्हें क्रियान्वित आने वाले समय में किया जाएगा और इसके लिए संबंधित किसानों से सहमति भी ली जाएगी।
केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि ऐसी भूमि के उपयोग के लिए सिंचाई, कृषि, मत्स्य व वन विभाग आदि को शामिल किया गया है ताकि एकीकृत अप्रोच के साथ परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे क्षेत्र है जहां पर मत्स्य के माध्यम से किसान आय को बढ़ा सकते हैं। कई स्थानों पर बायोड्रेनेज का सिस्टम लागू किया जा सकता है। इसके अलावा फसल विविधिकरण व पानी निकासी के विकल्प पर भी कार्य हो सकता है। केशनी आनंद अरोड़ा ने बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 8 नवंबर तक सारा डाटा इस संबंध में तैयार करके भविष्य की योजना तैयार करें। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि संबंधित क्षेत्र के उपमंडल अधिकारी ऐसे बड़े हिस्सों का निरीक्षण करके रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
उन्होंने कहा कि रोहतक में झज्जर का बड़ा हिस्सा सेम की समस्या से ग्रस्त है और यह लोगों के भविष्य का सवाल है। बैठक में उन्होंने एक-एक करके सर्वेयर से रिपोर्ट प्राप्त की और अलग-अलग विभागों के अधिकारियों से उनकी योजनाओं के बारे में रिपोर्ट मांगी।
एकीकृत योजना से होगा समस्या का समाधान
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बैठक में हरियाणा तालाब व अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष केशनी आनंद अरोड़ा का स्वागत किया और बताया कि कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पर पानी की किल्लत है तो कुछ ऐसे हैं जहां पर पानी की अधिकता है और भूमि जल स्तर भी ऊपर है। उन्होंने कहा कि एकीकृत योजना के माध्यम से ही ऐसे क्षेत्रों को उपयोग में लाकर किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल, रोहतक के एसडीएम
राकेश कुमार सैनी, महम के एसडीएम प्रदीप अहलावत,
सांपला के एसडीएम श्वेता सुहाग, जिला परिषद के मुख्य
कार्यकारी अधिकारी महेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहित कुमार, कृषि विभाग, मत्स्य विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग व
सूक्ष्म सिंचाई विभाग आदि के अधिकारी मौजूद थे।
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