वैलेंटाइन डे: इस दिन हर कोई जो जिससे प्यार करता है उससे अपने प्यार का इजहार करता है..
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय
विश्वविद्यालय सुख शांति भवन में प्रेम की शक्ति विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन
किया गया। जिसमें मुख्य संचालिका ब्रह्मकुमारी गीता बहन ने प्रेम की शक्ति के बारे
में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्यार के सागर परमपिता परमात्मा शिव ने बताया है
कि प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है। स्वयं सर्वशक्तिमान परमात्मा भी उसमें बंध जाता है। पर जाने अनजाने हमने इतनी बड़ी शक्ति को पहचाना ही नहीं।
उसका
दायरा इतना बड़ा है,परंतू हमने कितना सीमित कर दिया है और समझ लिया यह प्यार तो
सिर्फ लड़का लड़की व स्त्री पुरुष में ही होता है। क्योंकि जब हम वैलेंटाइन डे
मनाते हैं तो हम इसे प्रेम दिवस कहते हैं। इस दिन हर कोई जो जिससे प्यार करता है
उससे अपने प्यार का इजहार करता है। जब दुनिया के सारे दरवाजे हमारे लिए बंद हो
जाते हैं तो परमपिता परमात्मा का दरवाजा सदा ही हमारे लिए खुला रहता है। हम कितनी
भी गलतियां करके उसके दर पर जाते हैं परंतु वह सदा ही अपनी कृपा और दया का हाथ
हमारे सिर पर रख देता है। उससे ज्यादा निस्वार्थ प्यार हमको कोई नहीं कर सकता है।
इसलिए हमें भी परमपिता परमात्मा से खूब प्यार करना चाहिए। इसके बाद दूसरा
हमारा प्यार का इजहार होना चाहिए अपने उस माता-पिता का।
जिन्होंने हमको जन्म दिया।
जिन्होंने हमें प्रेम शब्द का अर्थ समझाया, क्योंकि जब हम दुनिया में रोते हुए आए थे
तो उन्होंने अपनी गोद में लेकर अपने प्यार का एहसास देकर अपने सीने से लगाकर हमारे
आंसुओं को खुशियों में बदला था। अपना संपूर्ण जीवन उन्होंने हमें दिया है तो उनके
चरण छूकर उनसे गले लग कर हम अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं। तीसरा इजहार
होना चाहिए अपने बच्चों के साथ। अपने भाई बहनों के साथ। अपने आस-पड़ोस के साथ, अपने सगे संबंधियों
के साथ जिन्हें भी हम जानते हैं। क्योंकि सभी से हमने किसी ना किसी रूप में प्यार
को पाया है तो आज प्यार के बांटने का दिन है तो हमें सबको खूब प्यार बांटना
है। चौथा प्रकृति को भी क्योंकि प्रकृति के अगर पांच तत्व नहीं होते तो
हमारा तो कोई अस्तित्व ही नहीं होता।
Radaur
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