बोली प्रक्रिया की जानकारी न होने को लेकर कुछ लोगों ने ऐतराज भी जताया !
बीडीपीओं कार्यालय में यमुनानदी के पोबारी
घाट की आवाजाही का ठेका देने की बोली प्रक्रिया का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र
के विभिन्न लोगों ने ठेका लेने की इच्छा जताई। लेकिन अंत में घाट का ठेका संदीप
दौलतपुर को मिला। उसने सबसे अधिक 1 लाख 7 हजार पांच सौ रूपए की
बोली लगाई। जबकि गत वर्ष यह ठेका 66 हजार रूपए में अमन पांसरा के नाम छूटा था।
वहीं, बोली प्रक्रिया की जानकारी न होने को लेकर कुछ लोगों ने ऐतराज
भी जताया है। क्षेत्रवासी मनीष कुमार, प्रवीन, अशोक, वरयामसिंह, सतनाम, नरेश कुमार
इत्यादि कहना है कि पहले गांवो में पंचायतों का कार्यकाल था। उस समय गांवों में
सरपंच व ब्लॉक समिति सदस्य थे। जिस कारण गांव के लोगों को उनके माध्यम से इस
प्रकार की बोली की सूचना मिल जाती थी। लेकिन इस बार उन्हें यह जानकारी नहीं मिल
पाई। प्रशासन ने बोली प्रक्रिया को गुपचुप तरीके से कर दिया गया। जिसकी जानकारी
अधिक लोगों को नहीं मिल सकी। अगर लोगों को इसकी जानकारी सही प्रकार से मिल
जाती तो बोली प्रक्रिया में अधिक लोगों के रूचि लेने से घाट का ठेका अधिक दामों पर
छूट सकता था। क्योंकि इस वर्ष बहुत से लोग इस घाट का ठेका लेने के इच्छुक थे, जो अधिकारियों
की अनदेखी के कारण बोली प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए।
इस अवसर पर जिला परिषद उप मुख्य कार्रकारी अधिकारी जसविंद्र सिंह, बीडीपीओ रादौर दिनेश शर्मा, कर्ण सिंह, पंचायत सचिव संजीव चड्ढा, संजीव प्रवेश कुमार, फ़तेह सिंह, भूषण राणा, भगवान दास, रणधीर, दिनेश कांबोज, जयभगवान, अंकित इत्यादि उपस्थित थे।
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