संगठन में चल रहे कार्य किसानों की अपेक्षा के अनुरूप नहीं चल रहे है जिस कारण वह भी संगठन को छोड़ रहे है, वहीं दूसरी ओर पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह भूरा ने इस्तीफा देने के बाद अपने फार्म हाऊस पर लगा भारतीय किसान यूनियन का झंडा भी हटा दिया
उनका कहना है कि संगठन में चल रहे कार्य किसानों की अपेक्षा के अनुरूप नहीं चल रहे है जिस कारण वह भी संगठन को छोड़ रहे है। वहीं दूसरी ओर पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह भूरा ने इस्तीफा देने के बाद अपने फार्म हाऊस पर लगा भारतीय किसान यूनियन का झंडा भी हटा दिया।
जब प्रदेश अध्यक्ष खुद राजनीति कर सकता है तो सदस्य क्यों नहीं- सुरजीत
भाकियू के पूर्व गुमथला जोन प्रभारी व पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह भूरा ने भाकियू जिला अध्यक्ष संजू गुंदियाना के उस ब्यान पर भी पलटवार किया है जिसमें उन्होंने सुरजीत सिंह भूरा के राजनीतिक पार्टियों से जुड़े होने की बात कही है।
जब प्रदेश अध्यक्ष खुद राजनीति कर सकता है तो सदस्य क्यों नहीं- सुरजीत
भाकियू के पूर्व गुमथला जोन प्रभारी व पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह भूरा ने भाकियू जिला अध्यक्ष संजू गुंदियाना के उस ब्यान पर भी पलटवार किया है जिसमें उन्होंने सुरजीत सिंह भूरा के राजनीतिक पार्टियों से जुड़े होने की बात कही है।
संजू गुंदियाना ने कहा था कि राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने के कारण ही संगठन ने पहले ही सुरजीत सिंह से नाता तोड़ लिया था। जिस पर सुरजीत सिह ने कहा कि वह 2008 से कांग्रेस पार्टी से जुड़े है और जब किसान यूनियन का सदस्य बने तब भी वह कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। संगठन ने जब उन्हें जोन प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी थी तब भी सभी बउ़े पदाधिकारियों को पता था कि वह राजनीतिक पार्टी से जुडा हुआ है।
इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भी भारतीय किसान यूनियन के साथ खुद किसानों के गन्ना आंदोलन में हिस्सा लिया था। तब उनकी ही पार्टी की सरकार भी थी। लेकिन उन्होंने किसान हित को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि भाकियू का प्रदेशाध्यक्ष खुद भी राजनीतिक है। उन्होंने कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट ने आम आदमी पार्टी की टिकट पर अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाया था।
वहीं, इसी साल पंजाब में हुए चुनावों में उन्होंने अपनी पार्टी बनाकर अपने उम्मीदवार भी उतारे थे। इसके अलावा वह खुद भी विधानसभा का चुनाव लड़ चुके है। जब संगठन का प्रदेश अध्यक्ष खुद राजनीति में आ सकता है तो एक पदाधिकारी व सदस्य के राजनीति में होने की बात कहकर यह सवाल क्यों उठाया जा रहा है। यह दोहरी नीति है। इसलिए संगठन अपने उद्देश्य से भटक रहा है और यही कारण है कि आज किसानों का विश्वास भी संगठन से उठने लगा है।
सदस्य तो आते-जाते रहते है, जल्द गुमथला में जोड़ेगें नये सदस्य- संजू गुंदियाना
संजू गुुंदियाना ने कहा कि संगठन के साथ समय समय पर नये सदस्य जुडते भी रहते है और संगठन से जाते भी रहते है। गुमथला क्षेत्र में दर्जनों लोग संगठन से जुडऩा चाहते है। जल्द ही वहां एक बैठक कर नये सदस्य जोड़े जाएगें।
सदस्य तो आते-जाते रहते है, जल्द गुमथला में जोड़ेगें नये सदस्य- संजू गुंदियाना
संजू गुुंदियाना ने कहा कि संगठन के साथ समय समय पर नये सदस्य जुडते भी रहते है और संगठन से जाते भी रहते है। गुमथला क्षेत्र में दर्जनों लोग संगठन से जुडऩा चाहते है। जल्द ही वहां एक बैठक कर नये सदस्य जोड़े जाएगें।