यमुनानदी के किनारे के समीप गांव के शमशान के लिए व अन्य 5 एकड़ भूमि स्थित है. जहां पर भूमि कटाव रोकने व बाढ़ से बचाने के लिए ठोकरे लगाई गई है. लेकिन खनन एजेंसी बी-17 के कर्मचारियों ने पोकलाइन की मदद से इसे खोद दिया.
रादौर, डिजिटल डेक्स।। गुमथला घाट पर यमुनानदी के किनारे पर की गई खुदाई को लेकर ग्रामीण व पंचायत सदस्य लामबंद हो गए। ग्रामीणों का आरोप है कि खनन एजेंसी बी-17 के कर्मचारियों ने न केवल यमुनानदी के किनारों पर लगी पुरानी ठोकरों को नुकसान पहुंचाया है बल्कि श्मशान घाट की भूमि को भी हानि हुई है।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम मामले की शिकायत एसडीएम रादौर को देकर जांच करने की मांग की है। उधर खुदाई का कार्य करने वालों ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए इस कार्य से खनन एजेंसी का कोई लेना देना न होने की बात कही है।
एसडीएम को दी शिकायत में सरपंच प्रवीन कुमार, बलविंद्र कुमार, निशा रानी पंच, रिशू बंसल पंच, सुखविंद्र पंच, संदीप पंच, प्रवीन कुमार पंच, सुशील पाल, कुलदीप, शमशेर इत्यादि ने बताया कि यमुनानदी के किनारे के समीप गांव के शमशान के लिए व अन्य 5 एकड़ भूमि स्थित है। जहां पर भूमि कटाव रोकने व बाढ़ से बचाने के लिए ठोकरे लगाई गई है।
लेकिन खनन एजेंसी बी-17 के कर्मचारियों ने पोकलाइन की मदद से इसे खोद दिया। जिससे न केवल सरकार को नुकसान पहुंचा है वहीं गांव में बाढ़ व भूमि कटाव के खतरे को भी बढ़ावा मिला है। ग्रामीणों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने ग्रामीणों के विरोध के बाद भी अपना कार्य शुरू किया। उनकी मांग है कि इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाए।
आरोप निराधार, कृषि भूमि को समतल करने का कर रहे है कार्य- विपिन
मामले को लेकर जब खनन एजेंसी पार्टनर विपिन शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस कार्य से खनन एजेंसी का कोई लेना देना नहीं है। यहां से खान भी बहुत दूर है। जहां किसान खुदाई की बात कह रहे है वह जमीन उन्होनें अभी किसी किसान से खरीदी है। यह कृषि भूमि है। लेकिन इसमें कुछ भूमि उबड़ खाबड़ थी। इसी भूमि को समतल करने के लिए यह कार्य किया गया। केवल कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए विरोध कर रहे है।
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